New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के किसानों को एक खास संदेश दिया है। उन्होंने रसायनों वाली खेती छोड़कर प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील की है। बुधवार को PM Modi ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट शेयर किया। इसमें उन्होंने कोयंबटूर के अपने अनुभव साझा किए हैं। पीएम ने बताया कि कैसे लोग अच्छी नौकरी छोड़कर खेती की तरफ लौट रहे हैं।
कॉर्पोरेट की नौकरी छोड़कर बने किसान
पीएम मोदी 19 नवंबर को दक्षिण भारत में थे। वहां उन्होंने प्राकृतिक खेती पर आयोजित शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया था। उन्होंने बताया कि वहां का नजारा देखकर वे हैरान रह गए। कई लोग अपनी हाई सैलरी वाली कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर खेती कर रहे हैं। इनमें वैज्ञानिक और पहली पीढ़ी के ग्रेजुएट भी शामिल हैं। ये लोग अब रसायनों के बिना शुद्ध फसल उगा रहे हैं।
मिट्टी को बचाने का यही है रास्ता
PM Modi ने लिखा कि रसायनों के अंधाधुंध इस्तेमाल से मिट्टी खराब हो रही है। इससे खेती की लागत भी लगातार बढ़ रही है। प्राकृतिक खेती ही इन समस्याओं का असली हल है। पंचगव्य और जीवामृत का उपयोग मिट्टी को फिर से उपजाऊ बना सकता है। इससे किसानों का खर्च भी कम होगा। उन्होंने बताया कि एक किसान 10 एकड़ में केले और हल्दी उगा रहे हैं।
सरकार कर रही है पूरी मदद
सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मिशन शुरू किया है। अब हजारों हेक्टेयर जमीन पर ऐसी खेती हो रही है। महिला किसान भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। पीएम किसान सम्मान निधि और क्रेडिट कार्ड से भी किसानों को मदद मिल रही है। पीएम ने युवाओं से स्टार्टअप और एफपीओ (FPO) से जुड़ने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव भारत के भविष्य के लिए जरूरी है।
