शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

पीएम मोदी: मलेशिया में डोनाल्ड ट्रंप से हो सकती है मुलाकात, टैरिफ विवाद के बाद पहली बार मिलेंगे दो दिग्गज

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India News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस महीने के अंत में मलेशिया में मिल सकते हैं। यह मुलाकात कुआलालंपुर में आयोजित होने वाले आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान हो सकती है। दोनों नेता इस बहुपक्षीय सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। यह मुलाकात अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ लगाए जाने के बाद पहली संभावित बैठक होगी।

आसियान शिखर सम्मेलन 26 और 27 अक्टूबर, 2025 को होगा। प्रधानमंत्री मोदी इसमें भाग लेने के लिए मलेशिया जाएंगे। मलेशिया सरकार ने राष्ट्रपति ट्रंप को भी आमंत्रित किया है। अगर दोनों नेता इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो द्विपक्षीय वार्ता की संभावना बनेगी। यह दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने का एक अवसर हो सकता है।

टैरिफ विवाद से तनावपूर्ण हुए हैं संबंध

भारत और अमेरिका के रिश्तों में हाल के दिनों में खिंचाव आया है। अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है। इस कदम ने द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों में नई चुनौतियां पैदा कर दी हैं। इसके अलावा अमेरिका का पाकिस्तान के साथ बढ़ता रिश्ता भी भारत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर रूस के साथ ऊर्जा संबंधों को लेकर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल के आयात की कड़ी आलोचना की है। अमेरिका का मानना है कि यह कदम यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को कमजोर करता है। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच मतभेद गहरे हुए हैं।

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रूसी तेल आयात को लेकर है मतभेद

अमेरिका लगातार भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल के आयात पर आपत्ति जता रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस संबंध में भारत को चेतावनी भी दी है। अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि भारत का यह कदम रूस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव को प्रभावी ढंग से काम नहीं करने दे रहा है। यह मुद्दा दोनों देशों के बीच एक बड़ी बाधा बन गया है।

ट्रंप के सहयोगी पीटर नवारो ने भी इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। नवारो ने भारत पर रूसी तेल के माध्यम से मुनाफा कमाने का आरोप लगाया है। उन्होंने भारत को रूसी तेल का लॉन्ड्रोमैट तक कह डाला। इस तरह की टिप्पणियों ने द्विपक्षीय संबंधों में और तनाव पैदा किया है।

मलेशिया मुलाकात क्यों है महत्वपूर्ण?

यह संभावित मुलाकात दोनों देशों के नेताओं के बीच सीधा संवाद स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगी। टैरिफ और रूसी तेल जैसे विवादित मुद्दों पर सीधी बातचीत संभव हो सकेगी। दोनों नेता इन मुद्दों पर अपने-अपने दृष्टिकोण स्पष्ट कर सकते हैं। इससे आपसी गलतफहमियों को दूर करने में मदद मिल सकती है।

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यह मुलाकात भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकती है। दोनों देशों के बीच सुरक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जहां सहयोग जारी है। नेताओं के बीच सीधा संपर्क इन साझेदारियों को मजबूत बनाने में मददगार साबित हो सकता है।

भारत-अमेरिका संबंधों का वर्तमान परिदृश्य

भारत और अमेरिका के संबंधों में वर्तमान समय में कई चुनौतियां मौजूद हैं। टैरिफ विवाद ने आर्थिक रिश्तों को प्रभावित किया है। अमेरिका का पाकिस्तान के प्रति रुख भी भारत की सुरक्षा चिंताओं का विषय बना हुआ है। रूस के साथ भारत के ऊर्जा समझौते ने भी तनाव को बढ़ाया है।

इन चुनौतियों के बावजूद दोनों देशों के बीच सहयोग के कई क्षेत्र भी हैं। रक्षा साझेदारी, व्यापार और निवेश, और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण जैसे मुद्दों पर दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं। आसियान शिखर सम्मेलन में संभावित मुलाकात इन संबंधों को नई दिशा दे सकती है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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