New Delhi News: संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इंडिगो संकट पर पीएम मोदी के कड़े रुख की जानकारी दी है। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया है कि सरकार के बनाए नियम नागरिकों के लिए मुसीबत नहीं बनने चाहिए। उन्होंने कहा कि सिस्टम को सुधारने के लिए कानून जरूरी हैं, लेकिन इससे जनता को परेशानी नहीं होनी चाहिए। रिजिजू ने यह जानकारी एनडीए सांसदों की बैठक के दौरान दी। सरकार ने इंडिगो एयरलाइंस की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई करने का मन बना लिया है।
सिस्टम सुधारें, जनता को न सताएँ
रिजिजू के मुताबिक, पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि भारतीय नागरिकों को सिर्फ इसलिए दिक्कत नहीं होनी चाहिए क्योंकि वे भारतीय हैं। नियमों का उद्देश्य व्यवस्था को बेहतर बनाना होता है। इनका इस्तेमाल लोगों को परेशान करने के लिए नहीं होना चाहिए। यह बैठक चुनावी सुधारों पर होने वाली बहस से पहले आयोजित की गई थी। इसमें चुनाव आयोग के वोटर वेरिफिकेशन अभियान पर भी चर्चा संभावित थी।
इंडिगो के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई
नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने संसद में सख्त बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय इंडिगो एयरलाइन को एक ‘उदाहरण’ के तौर पर पेश करेगा। एयरलाइन ने अब तक यात्रियों को 830 करोड़ रुपये रिफंड किए हैं। इसके अलावा, कंपनी की मार्केट वैल्यू में 37,000 करोड़ रुपये की भारी गिरावट आई है। मंत्री ने साफ कहा कि हम यात्रियों, पायलटों और क्रू की परवाह करते हैं। इंडिगो को अपना रोस्टर सही तरीके से मैनेज करना चाहिए था। अगर कोई एयरलाइन नियमों का पालन नहीं करेगी, तो सरकार उसे बख्शेगी नहीं।
नए नियमों से क्यों बिगड़े हालात?
इंडिगो एयरलाइन घरेलू एविएशन मार्केट के 60 प्रतिशत हिस्से को संभालती है। डीजीसीए (DGCA) ने पायलटों की थकान कम करने के लिए नए नियम बनाए हैं। इनमें ड्यूटी के घंटे कम करना और उड़ानों के बीच आराम का समय बढ़ाना शामिल है। इन नियमों को लागू करने में एयरलाइन का सिस्टम फेल हो गया। नतीजा यह हुआ कि पिछले सात दिनों में लगभग 4,500 उड़ानें रद्द कर दी गईं। एयरलाइन के पास नए नियमों के हिसाब से पर्याप्त पायलट और क्रू मौजूद नहीं थे।
9.5 लाख टिकट और यात्रियों का गुस्सा
सोशल मीडिया पर फंसे हुए यात्रियों ने अपनी परेशानी साझा की है। कई लोग मेडिकल इमरजेंसी या जरूरी काम के लिए सफर कर रहे थे। इंडिगो ने कैंसलेशन चार्ज माफ करने और पूरा रिफंड देने का वादा किया है। हालांकि, 9.5 लाख से ज्यादा टिकटों का रिफंड प्रोसेस करना एक बड़ी चुनौती है। कई मामलों में रिफंड में देरी या तकनीकी गलतियां हो रही हैं। इससे यात्रियों का गुस्सा एयरलाइन के खिलाफ और बढ़ गया है।
