International News: नेपाल में भारी बारिश और भूस्खलन से हुई तबाही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने इस मुश्किल घड़ी में नेपाल की जनता और सरकार के साथ अपना पूरा समर्थन दोहराया। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि एक विश्वसनीय साझेदार और प्रथम प्रतिक्रियादाता के रूप में भारत नेपाल को हर जरूरी सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिए अपनी संवेदनाएं साझा कीं। उन्होंने लिखा कि नेपाल में भारी बारिश से हुई जान-माल की क्षति अत्यंत दुखद है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भारत इस संकट की घड़ी में अपने पड़ोसी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। यह बयान दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों का प्रतीक है।
नेपाल में क्या हालात हैं?
नेपाल के कोशी प्रांत में शनिवार शाम से लगातार हुई मूसलाधार बारिश ने भयावह रूप ले लिया। इसके चलते कई इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं हुईं। स्थानीय अधिकारियों ने रविवार को पुष्टि की कि इन हादसों में कम से कम 51 लोगों की मौत हो गई है। बचाव कार्यों में नेपाली सेना को पूरी तरह तैनात कर दिया गया है।
बचाव दलों ने एक गर्भवती महिला समेत दो घायल लोगों को विमान से सुरक्षित निकाला। उन्हें धरान नगरपालिका के अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। हालांकि खराब मौसम की स्थिति ने बचाव अभियान की रफ्तार को प्रभावित किया है। राहत और बचाव कार्यों में लगी एजेंसियों को मौसम की वजह से चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
भारत और नेपाल के रिश्तों की मजबूत बुनियाद
भारत ने अतीत में भी प्राकृतिक आपदाओं के समय नेपाल की मदद की है। वर्ष 2015 में आए भीषण भूकंप के दौरान भारत ने तत्काल राहत सामग्री और बचाव दल भेजे थे। उस भूकंप में आठ हजार से अधिक लोगों की जान गई थी और हजारों घायल हुए थे। साल 2020 की बाढ़ में भी भारत ने सहायता का हाथ बढ़ाया था।
दोनों देशों के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध हैं। यही कारण है कि जरूरत के समय में दोनों पड़ोसी एक-दूसरे के सहायक बनते आए हैं। भारत की यह नई पहल द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने वाली साबित होगी। वर्तमान संकट में भारत का समर्थन नेपाल के लिए महत्वपूर्ण सहारा है।
