शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

पीएम मोदी: डीप स्टेट और अमेरिकी कंपनियों के निशाने पर, क्या भारत में होगा बांग्लादेश जैसा तख्तापलट?

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India News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक बड़ा षड्यंत्र चल रहा है। कई लोगों का मानना है कि मोदी को हटाने की कोशिशें उनके मुख्यमंत्री काल से ही चल रही हैं, लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद ये प्रयास और तेज हो गए हैं। अब यह षड्यंत्र इतना बड़ा हो चुका है कि इसमें कई देश शामिल हो गए हैं। सोशल मीडिया पर चर्चा है कि डीप स्टेट ने जिस तरह बांग्लादेश में शेख हसीना को हटाने की कोशिश की थी, उसी तरह अब पीएम मोदी को हटाने के लिए जुट गया है।

डीप स्टेट का निशाना क्यों है भारत?

डीप स्टेट एक ऐसा गुप्त नेटवर्क है, जिसमें अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए और कुछ बड़ी विदेशी कंपनियां शामिल हैं। इनका मकसद भारत के बाजार पर कब्जा करना है। ये नहीं चाहते कि भारत आर्थिक, सैन्य और तकनीकी रूप से मजबूत बने। पीएम मोदी की ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीति ने इनकी योजनाओं को धक्का पहुंचाया है। इसी वजह से डीप स्टेट मोदी सरकार को अस्थिर करने पर तुला हुआ है।

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अमेरिकी कंपनियों का दबाव और ट्रंप की भूमिका

अमेरिकी कंपनियां भारत के 140 करोड़ के बाजार पर कब्जा चाहती हैं। डेयरी उत्पादों से लेकर रक्षा सौदों तक, हर क्षेत्र में वे अपना प्रभुत्व चाहती हैं। जब पीएम मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘लोकल फॉर वोकल’ जैसी नीतियों पर जोर दिया, तो ये कंपनियां नाराज हो गईं। कहा जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप पर इन कंपनियों का दबाव है और वे भारत पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला कर रहे हैं।

ऑपरेशन सिंदूर ने बढ़ाई तनातनी

2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की। इस ऑपरेशन ने अमेरिकी हितों को ठेस पहुंचाई, क्योंकि पाकिस्तान अमेरिका का करीबी सहयोगी रहा है। इसके बाद से ही डीप स्टेट भारत के खिलाफ सक्रिय हो गया।

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क्या भारत में संभव है बांग्लादेश जैसा तख्तापलट?

बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ जो षड्यंत्र चला, उसी तरह का खतरा भारत के लिए भी बताया जा रहा है। हालांकि, भारत की सुरक्षा व्यवस्था और आंतरिक स्थिरता काफी मजबूत है। फिर भी, पीएम मोदी ने हाल ही में कहा था कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। यह बयान इस षड्यंत्र की गंभीरता को दर्शाता है।

विपक्ष की भूमिका पर सवाल

भारत के कुछ विपक्षी दलों की टिप्पणियां अमेरिकी एजेंडे से मेल खाती हैं। क्या ये दल अनजाने में डीप स्टेट के हाथों खेल रहे हैं? यह सवाल अब गंभीर चर्चा का विषय बन गया है।

अब सवाल यह है कि क्या भारत इस षड्यंत्र को विफल कर पाएगा? पीएम मोदी की सुरक्षा और देश की आंतरिक स्थिरता पर यह एक बड़ी चुनौती है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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