शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

पीएम मोदी: आरएसएस के शताब्दी वर्ष पर जारी किया भारत माता वाला सिक्का, इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा

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India News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सौ साल पूरे होने के मौके पर भारत सरकार ने एक विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक अवसर पर स्वयंसेवकों को बधाई दी। 100 रुपये के इस सिक्के पर पहली बार भारत माता की छवि अंकित की गई है, जो एक ऐतिहासिक घटना मानी जा रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि उनकी पीढ़ी के स्वयंसेवकों के लिए यह सौभाग्य की बात है कि उन्हें संघ का शताब्दी वर्ष देखने को मिल रहा है। उन्होंने राष्ट्र सेवा में समर्पित सभी स्वयंसेवकों को शुभकामनाएं दीं और उनका अभिनंदन किया। इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने के लिए देशभर से लाखों लोग जुटे।

प्रधानमंत्री ने 1963 की गणतंत्र दिवस परेड का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भी आरएसएस के स्वयंसेवकों ने बहुत ही अनुशासन और राष्ट्रभक्ति के साथ परेड में हिस्सा लिया था। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में संघ के योगदान को रेखांकित किया। संघ ने अपने गठन के बाद से ही राष्ट्र निर्माण को ही अपना मुख्य उद्देश्य बनाया।

भारत माता का प्रतीकात्मक चित्र

नए जारी किए गए स्मारक सिक्के के एक तरफ राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ अंकित है। दूसरी ओर सिंह के साथ वरद मुद्रा में भारत माता की भव्य छवि बनाई गई है। इस छवि में स्वयंसेवकों को भक्ति भाव से उनके सामने नतमस्तक दिखाया गया है। यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहला मौका है।

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सिक्के पर संघ का बोध वाक्य ‘राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम’ भी अंकित किया गया है। इसका अर्थ है कि सब कुछ राष्ट्र के लिए अर्पित है और कुछ भी अपने लिए नहीं है। यह बोध वाक्य संघ के समर्पण और राष्ट्र प्रथम की भावना को दर्शाता है। इस विशेष सिक्के के जारी होने से ऐतिहासिक क्षण का अनुभव हो रहा है।

व्यक्ति निर्माण की यज्ञ वेदी

पीएम मोदी ने कहा कि संघ के बारे में कहा जाता है कि इसमें सामान्य लोग मिलकर असामान्य कार्य करते हैं। व्यक्ति निर्माण की यह सुंदर प्रक्रिया आज भी संघ की शाखाओं में देखी जा सकती है। उन्होंने शाखाओं को व्यक्ति निर्माण की यज्ञ वेदी बताया। शाखा का मैदान एक प्रेरणा भूमि है।

यहां एक स्वयंसेवक की अहं से वयं तक की यात्रा शुरू होती है। संघ की शाखाओं के माध्यम से हजारों लोगों का जीवन पुष्पित और पल्लवित हुआ है। जिस तरह नदियों के किनारे सभ्यताएं फलती-फूलती हैं, उसी तरह संघ के किनारे भी सैकड़ों जीवन विकसित हुए हैं। यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।

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राष्ट्र प्रथम का भाव

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण का महान उद्देश्य और व्यक्ति निर्माण का स्पष्ट पथ ही संघ की सौ वर्षों की यात्रा का आधार बना है। संघ ने कितने ही बलिदान दिए हैं, लेकिन उसका भाव हमेशा एक ही रहा है – राष्ट्र प्रथम। संघ का लक्ष्य हमेशा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ बनाने का रहा है।

शाखा की सरल और जीवंत कार्यपद्धति ने इस यात्रा को सफल बनाया है। यह संगठन सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के लिए समर्पित रहा है। देश के कोने-कोने में इसके स्वयंसेवक राष्ट्र सेवा में लगे हुए हैं। विभिन्न क्षेत्रों में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है। यह संगठन सदैव राष्ट्रहित में कार्य करता आया है।

इस शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में समाज के सभी वर्गों के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। संघ की इस ऐतिहासिक यात्रा में कई महत्वपूर्ण पड़ाव आए हैं। प्रत्येक चुनौती ने इस संगठन को और मजबूत बनाया है। भविष्य में भी यह राष्ट्र सेवा का कार्य जारी रखेगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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