National News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के स्वागत में एक विशेष पहल की। उन्होंने एयरपोर्ट पर स्वयं पहुंचकर पुतिन को गले लगाया। इसके बाद दोनों नेता एक ही कार में सवार होकर प्रधानमंत्री आवास के लिए रवाना हुए। यह कदम सामान्य सुरक्षा प्रोटोकॉल से अलग माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा के लिए अपनी सामान्य रेंज रोवर के बजाय एक टोयोटा फॉर्च्यूनर एसयूवी का चयन किया। यह वाहन सरकारी फ्लीट का हिस्सा है और अक्सर वीआईपी आवाजाही में प्रयोग होता है। इस तरह की अनौपचारिकता दोनों नेताओं के बीच मजबूत व्यक्तिगत संबंधों का संकेत देती है।
कौन सी गाड़ी में हुई सवारी?
जानकारीके मुताबिक इस्तेमाल की गई कार टोयोटा फॉर्च्यूनर सिग्मा 4 एमटी मॉडल थी। इसका पंजीकरण नंबर एमएच01ईएन5795 है। यह वाहन बीएस-सिक्स उत्सर्जन मानकों का पालन करने वाला डीजल कार है। यह अप्रैल 2024 में रजिस्टर हुआ था।
गाड़ी की फिटनेस सर्टिफिकेट वैधता अप्रैल 2039 तक है। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र जून 2026 तक मान्य है। इससे स्पष्ट है कि यह वाहन हाल ही में अद्यतन सरकारी फ्लीट से लिया गया था। सुरक्षा एजेंसियों को इस मॉडल पर भरोसा है।
सामान्य प्रोटोकॉल से हटकर था यह कदम
आमतौर पर प्रधानमंत्रीऔर विदेशी राष्ट्राध्यक्ष अलग-अलग अत्यधिक सुरक्षित वाहनों में यात्रा करते हैं। इस मामले में दोनों नेताओं का एक ही कार में बैठना एक विशेष घटना है। यह प्रोटोकॉल में बदलाव का उदाहरण बन गया।
राष्ट्रपति पुतिन ने भी अपनी विशेष बख्तरबंद लिमोजिन ‘ऑरस सेनेट’ का इस यात्रा में उपयोग नहीं किया। यह रूस की आधिकारिक राजकीय कार है। यह अपनी मजबूत सुरक्षा सुविधाओं के लिए प्रसिद्ध है। पुतिन अक्सर इसे विदेश यात्राओं में साथ ले जाते हैं।
व्यक्तिगत स्वागत ने बढ़ाई खास बातचीत की संभावना
प्रधानमंत्रीमोदी का एयरपोर्ट पर स्वयं पहुंचना भी एक विशेष पहल थी। ऐसे स्वागत की औपचारिकताएं आमतौर पर वरिष्ठ अधिकारी निभाते हैं। यह व्यक्तिगत पहल दोनों नेताओं की दशक भर की मित्रता को दर्शाती है।
एयरपोर्ट से पीएम आवास तक की यह छोटी यात्रा कार सफर थी। इस दौरान दोनों नेता आपस में बातचीत कर सके। इससे उनकी आधिकारिक बैठकों से पहले ही अनौपचारिक वार्ता का मौका मिल गया। यह कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।
दिल्ली में किए गए विशेष यातायात प्रबंधन
पुतिन कीयात्रा के मद्देनजर दिल्ली में विशेष यातायात प्रबंधन लागू किया गया। एयरपोर्ट से पीएम आवास के मार्ग को पूरी तरह सुरक्षित बनाया गया। कई सड़कों पर पार्किंग प्रतिबंधित कर दी गई थी।
विशेष सुरक्षा कारणों से काफिले के लिए अलग लेन सुनिश्चित की गई। इस छोटी यात्रा के बाद दोनों नेताओं की आधिकारिक बैठकें हुईं। इन बैठकों में द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई।
गाड़ी के चयन ने जगाई उत्सुकता
फॉर्च्यूनर केचयन ने कूटनीतिक और सुरक्षा हलकों में चर्चा शुरू कर दी है। यह सवाल उठ रहे हैं कि इस विशेष मॉडल को क्यों चुना गया। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सुरक्षा आकलन के बाद ही संभव हुआ होगा।
सामान्य तौर पर ऐसे आयोजनों में वाहनों का चयन बहुत सोच-समझकर किया जाता है। हर पहलू का ध्यान रखा जाता है। इस मामले में भी सभी सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया गया होगा। यह घटना एक अनोखी छवि प्रस्तुत करती है।
