Delhi News: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा का समापन भव्य राजकीय भोज के साथ हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में इस डिनर की मेजबानी की। यह भोज भारत और रूस के बीच 25 साल की रणनीतिक साझेदारी का जश्न था। दोनों नेताओं ने रिश्तों को और गहरा करने पर सहमति जताई।
इस भोज में भारतीय पाक कला की शानदार झलक देखने को मिली। मेनू पूरी तरह से शाकाहारी था जो पुतिन की डाइटरी प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया। देश के कोने-कोने के व्यंजन इस थाली में शामिल थे। कश्मीर की गुच्छी से लेकर दक्षिण के मुरक्कू तक का स्वाद इसमें समाया हुआ था।
राजकीय भोज में छाया भारत का जायका
भोज कीशुरुआत हल्के सूप मुरुंगेलाई चारू से हुई। इसके बाद ऐपेटाइजर के रूप में गुच्छी दून चेटिन और काले चने के कबाब परोसे गए। एक खास डिश वेजिटेबल झोल मोमो थी जो रूसी पकवान पेल्मेनी से प्रेरित थी। यह फ्यूजन दोनों संस्कृतियों के मेल को दर्शाता था।
मुख्य भोजन में सर्दियों की ताजा सब्जियों से बने व्यंजन शामिल थे। जाफरानी पनीर रोल, पालक मेथी मटर का साग और अचारी बैंगन जैसी डिशें परोसी गईं। इनके साथ ड्राई फ्रूट सफरॉन पुलाव और तंदूरी भरवां आलू भी थे। विभिन्न प्रकार की भारतीय रोटियां भी मेज पर मौजूद थीं।
डेजर्ट में बादाम का हलवा और केसर पिस्ता कुल्फी ने मिठास घोली। ताजे फल और पारंपरिक स्नैक्स भी थाली का हिस्सा थे। बंगाली गुड़ संदेश और दक्षिण भारतीय मुरक्कू ने क्षेत्रीय विविधता को प्रदर्शित किया। ताजा निचोड़े हुए फलों के रस ने भोजन को संपूर्ण बनाया।
संगीत ने बांधा सांस्कृतिक पुल
भोज केदौरान संगीत का खास कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। राष्ट्रपति भवन के नेवल बैंड ने मनमोहक धुनें बजाईं। शास्त्रीय वाद्ययंत्रों जैसे सरोद, सरंगी और तबला ने समां बांध दिया। भारतीय रागों के साथ-साथ रूसी लोकगीत भी सुनने को मिले।
रूसी लोकगीत कलिंक और चाइकोवस्की के नटक्रैकर सूट के अंश पेश किए गए। बॉलीवुड गाना ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ ने माहौल को खुशनुमा बना दिया। भारतीय राष्ट्रगान ‘सारे जहां से अच्छा’ ने देशभक्ति की भावना जगाई। यह संगीतमय संयोजन दोनों देशों की मित्रता का प्रतीक था।
विदाई में दिए सांस्कृतिक उपहार
पीएम नरेंद्र मोदीने पुतिन को भारत की समृद्ध विरासत को दर्शाते उपहार दिए। इनमें असम की प्रीमियम जीआई टैग वाली काली चाय शामिल थी। एक अलंकृत रजत चाय सेट भी भेंट किया गया जो मुर्शिदाबाद की नक्काशी का नमूना था।
महाराष्ट्र के हस्तशिल्प से बना एक सिल्वर हॉर्स भी उपहार में दिया गया। आगरा के संगमरमर से निर्मित एक शतरंज सेट भी पेश किया गया। कश्मीरी केसर और रूसी भाषा में अनूदित भगवद्गीता भी उपहारों का हिस्सा थी। ये सभी उपहार दोनों राष्ट्रों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को दर्शाते हैं।
पुतिन की विदाई के समय विदेश मंत्री एस जयशंकर हवाई अड्डे पर मौजूद थे। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस रणनीतिक साझेदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह दोस्ती आने वाले वर्षों में और मजबूत होगी। पुतिन ने भी द्विपक्षीय संबंधों को लेकर संतोष व्यक्त किया।
इस यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और आतंकवाद जैसे विषय वार्ता के केंद्र में थे। दोनों देशों ने शांति और स्थिरता के लिए मिलकर काम करने पर जोर दिया। इस यात्रा ने भविष्य में सहयोग के नए रास्ते खोले हैं।
