New Delhi News: पूर्व भारतीय राजदूत तलमीज अहमद ने अमेरिका के रवैये पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने प्रधानमंत्री पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात पर अमेरिकी आलोचना को खारिज कर दिया। अहमद ने रविवार को साफ शब्दों में कहा कि अब अमेरिकी आधिपत्य का जमाना खत्म हो चुका है। भारत अपनी शर्तों पर फैसले लेता है और किसी के दबाव में नहीं आता।
अमेरिका ने खोई अपनी साख
सऊदी अरब और ओमान में भारत के राजदूत रह चुके अहमद ने अमेरिका को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि शीत युद्ध के बाद दुनिया में सिर्फ अमेरिका का राज चलता था। लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल गए हैं। अफगानिस्तान, इराक और लीबिया में मिली नाकामी ने अमेरिका की पोल खोल दी है। इन देशों में अपने दुस्साहस के कारण अमेरिका ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है। अब वह पहले जैसी भरोसेमंद ताकत नहीं रहा।
भारत और चीन की बढ़ती ताकत
पूर्व राजनयिक ने बताया कि आज की दुनिया बहुध्रुवीय हो गई है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता का खुलकर इस्तेमाल कर रहा है। वहीं, चीन भी अर्थव्यवस्था और तकनीक के क्षेत्र में अमेरिका को कड़ी टक्कर दे रहा है। यह कोई नया शीत युद्ध नहीं है, बल्कि नए शक्ति केंद्रों का उदय है। भारत और चीन जैसे देश अब अमेरिका के इशारों पर नहीं चलते।
अमेरिका के दोहरे चरित्र का खुलासा
तलमीज अहमद ने अमेरिका के दोहरे मानदंडों की भी आलोचना की। उन्होंने याद दिलाया कि अमेरिका खुद रूस से परमाणु ईंधन खरीद रहा है। पश्चिमी देश रूस से लगातार व्यापार कर रहे हैं। इसके बावजूद वे पीएम मोदी की रूस यात्रा पर सवाल उठाते हैं। अहमद ने कहा कि अमेरिका की हिम्मत कैसे हुई कि वह भारत को निर्देश दे? हम किसी देश के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देते। ऐसे में किसी को हमें यह बताने का हक नहीं है कि हमें क्या करना चाहिए।
