Delhi News: आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यमुना नदी में नकली साफ पानी डाल रही है। भारद्वाज ने दावा किया कि वजीराबाद से साफ पानी लाकर वासुदेव घाट पर डाला जा रहा है। उन्होंने इसका एक वीडियो भी साझा किया। इसके जवाब में बीजेपी ने आप नेताओं पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
सौरभ भारद्वाज ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ये आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि छठ पूजा के मौके पर पीएम मोदी के वासुदेव घाट आने की संभावना है। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम मोदी की डुबकी के लिए एक नकली घाट बनाया जा रहा है। भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी सरकार को गरीब पूर्वांचली लोगों की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने इसे फर्जीवाड़ा बताया।
आप नेता ने कहा कि बीजेपी सरकार ने झूठ बोला कि यमुना साफ कर दी। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने सिर्फ केमिकल डालकर झाग हटाए हैं। भारद्वाज ने कहा कि डीपीसीसी की रिपोर्ट के मुताबिक यमुना का पानी नहाने लायक भी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पानी में मल मिला हुआ है। उन्होंने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि एक झूठ छिपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते हैं।
बीजेपी ने दिया जवाब
बीजेपी प्रवक्ता परवीन शंकर कपूर ने इस आरोप का जवाब दिया है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि सौरभ भारद्वाज की प्रेस कॉन्फ्रेंस बिल्कुल खोखली थी। शंकर ने कहा कि यह खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसा साबित हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि आप नेता हार की हताशा में बौखला गए हैं। बीजेपी नेता ने कहा कि आप सरकार ने दस साल तक छठ पूजा पर रोक लगाई थी।
परवीन शंकर ने आगे कहा कि अब बीजेपी और रेखा गुप्ता सरकार यमुना घाट पर स्वच्छ पूजा स्थल विकसित कर रही है। उन्होंने आप पर राजनीतिक बयानबाजी करने का आरोप लगाया। इस मुद्दे पर दोनों पार्टियों के बीच तीखी बहस जारी है। यमुना नदी की सफाई एक लंबे समय से चल रहा विवादित मुद्दा बना हुआ है। दोनों ही पार्टियां एक दूसरे पर दोषारोपण करती रही हैं।
यमुना प्रदूषण का लंबा इतिहास
यमुना नदी का प्रदूषण दिल्ली की एक बड़ी समस्या है। विभिन्न सरकारों ने इसे साफ करने के वादे किए हैं। पर्यावरण विभाग की रिपोर्ट्स के मुताबिक यमुना का पानी बेहद प्रदूषित है। नदी में औद्योगिक कचरा और सीवेज का पानी सीधे गिरता है। इससे पानी की गुणवत्ता बहुत खराब हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि नदी को साफ करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
दिल्ली सरकार ने हाल ही में यमुना सफाई के लिए एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसके तहत नदी में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार का दावा है कि इससे पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा। हालांकि विपक्ष इन दावों पर सवाल उठाता रहा है। पर्यावरण कार्यकर्ताओं का मानना है कि नदी की सफाई के लिए और अधिक गंभीर प्रयासों की आवश्यकता है।
राजनीतिक दांव-पेच जारी
इस मामले ने राजनीतिक गलियारों में गर्मी पैदा कर दी है। दोनों प्रमुख दल एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी सिर्फ दिखावा कर रही है। वहीं बीजेपी का आरोप है कि आप सरकार यमुना को साफ नहीं कर पाई। इस बहस के केंद्र में पूर्वांचली मतदाता हैं। दोनों पार्टियां इस वोट बैंक को लुभाने की कोशिश कर रही हैं।
छठ पूजा पूर्वांचल का एक प्रमुख त्योहार है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग नदियों में डुबकी लगाते हैं। राजनीतिक दल इस अवसर का उपयोग जनसंपर्क के लिए करते हैं। पीएम मोदी के छठ पर यमुना घाट जाने की संभावना से इस साल इसकी अहमियत और बढ़ गई है। इसीलिए यमुना की सफाई का मुद्दा इस बार और अधिक चर्चा में है।
दिल्ली के वासुदेव घाट पर तैयारियां जोरों पर हैं। प्रशासन ने घाट की सफाई और सजावट का काम शुरू कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस साल घाट की स्थिति में सुधार देखने को मिल रहा है। हालांकि यह सुधार कितना स्थायी है, इस पर सवाल उठ रहे हैं। नागरिक समूहों का मानना है कि नदी की सफाई को लेकर सभी पार्टियों को मिलकर काम करना चाहिए।
यमुना नदी की सफाई का मुद्दा अब एक बार फिर सुर्खियों में है। सौरभ भारद्वाज के आरोपों और बीजेपी के जवाब ने इस विवाद को नया मोड़ दिया है। आने वाले दिनों में इस मामले पर और बहस होने की उम्मीद है। दोनों पार्टियां इस मुद्दे को अपने-अपने तरीके से उठाती रहेंगी। जनता के सामने सच्चाई साबित करने की होड़ जारी रहेगी।
