National News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तमिलनाडु के कोयंबटूर में नौ करोड़ से अधिक किसानों को पीएम-किसान योजना की अगली किस्त जारी करेंगे। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी पुष्टि की है। प्रधानमंत्री इस अवसर पर दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन 2025 का भी उद्घाटन करेंगे।
इस बार पीएम-किसान अपडेटेड लिस्ट में सत्तर लाख किसानों के नाम काटे गए हैं। यह कदम सरकार द्वारा अपात्र किसानों की पहचान के अभियान के तहत उठाया गया है। सरकार ने कई हजार किसानों के खातों और पंजीकरण प्रक्रिया को रोक दिया है।
प्रधानमंत्री का दौरा कार्यक्रम
प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के एक दिवसीय दौरे पर रहेंगे। वे सबसे पहले आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी पहुंचेंगे। वहां वे श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में भाग लेंगे। इसके बाद वे कोयंबटूर में किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
कोयंबटूर के कार्यक्रम में पचास हजार से अधिक किसान भाग ले रहे हैं। इस सम्मेलन का आयोजन तमिलनाडु प्राकृतिक कृषि हितधारक मंच कर रहा है। शिखर सम्मेलन का उद्देश्य टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है।
पीएम-किसान योजना की जानकारी
पीएम-किसान योजना के तहत किसानों को हर साल छह हजार रुपये की सहायता मिलती है। यह राशि हर चार महीने में दो हजार रुपये की तीन किस्तों में ट्रांसफर की जाती है। यह योजना फरवरी 2019 में शुरू हुई थी।
पिछली किस्त में सत्तानबे दशमलव चौदह मिलियन किसानों को यह राशि प्राप्त हुई थी। दिसंबर-मार्च की अवधि में दस दशमलव अड़सठ मिलियन किसानों को राशि ट्रांसफर की गई। इस बार लाभार्थियों की संख्या में कमी आई है।
किसानों की संख्या में कमी के कारण
इक्कीसवीं किस्त के लिए पात्र किसानों की संख्या में लगभग सत्तर लाख की कमी आई है। सरकार ने योजना के लिए अपात्र किसानों की पहचान का अभियान चला रखा है। कृषि मंत्रालय संदिग्ध मामलों की जांच कर रहा है।
पीएम-किसान पोर्टल पर जारी नोटिस में कहा गया है कि कुछ संदिग्ध मामलों की पहचान की गई है। ये मामले योजना के दिशा निर्देशों में उल्लिखित अपवाद मानदंडों के अंतर्गत आ सकते हैं। किसानों को अपनी पात्रता की जांच करने की सलाह दी गई है।
कौन नहीं है पात्र
पीएम-किसान योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार कुछ श्रेणियां इसके लाभों के लिए पात्र नहीं हैं। आय सीमा से अधिक आय वाले किसान इस योजना में शामिल नहीं हो सकते। इनकम टैक्स भरने वाले किसान भी इस योजना के पात्र नहीं हैं।
सरकारी कर्मचारी और निर्वाचित जनप्रतिनिधि भी इस योजना से बाहर रखे गए हैं। दस हजार या उससे अधिक मासिक पेंशन पाने वाले लोग भी योजना के लाभ नहीं ले सकते। सरकार का उद्देश्य केवल पात्र किसानों तक लाभ पहुंचाना है।
