National News: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की अगली 21वीं किस्त जल्द ही किसानों के खातों में दिख सकती है। सूत्रों के अनुसार नवंबर के पहले सप्ताह में इसके जारी होने की उम्मीद है। इस योजना के तहत देश के करोड़ों किसानों को हर साल वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। अब तक कुल बीस किस्तें जारी की जा चुकी हैं।
पीएम किसान योजना में हर चार महीने में एक किस्त दी जाती है। पिछली बीसवीं किस्त अगस्त माह में जारी हुई थी। इस आधार पर नवंबर में अगली किस्त का समय पूरा हो रहा है। सरकार की ओर से अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। पिछले वर्षों के रिकॉर्ड से इसकी संभावना जताई जा रही है।
कुछ राज्यों को मिल चुकी है राशि
इस साल हुई भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित तीन राज्यों के किसानों को विशेष व्यवस्था के तहत 21वीं किस्त का भुगतान पहले ही कर दिया गया है। शेष राज्यों के लाभार्थियों को नवंबर की शुरुआत में यह राशि मिलने की संभावना है। सरकार ने अब तक इस योजना के माध्यम से किसानों के खातों में तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि ट्रांसफर की है।
किस्त पाने के लिए जरूरी है ई-केवाईसी
किसान सम्मान निधि की अगली किस्त पाने के लिए लाभार्थियों को अपनी ई-केवाईसी पूरी करवानी अनिवार्य है। इस प्रक्रिया को किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से या फिर नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर पूरा कर सकते हैं। इसके बिना किस्त का भुगतान रोक दिया जाएगा।
पिछली बार भी हजारों किसानों की किस्त इसी शर्त के पूरा न होने पर रुक गई थी। सरकार लगातार किसानों से अपनी ई-केवाईसी शीघ्रता से पूरी करने की अपील कर रही है। इससे धनराशि के सीधे हस्तांतरण में आसानी होती है और गड़बड़ी की संभावना कम हो जाती है।
जमीन का सत्यापन है जरूरी
भूमि सत्यापन योजना की एक और महत्वपूर्ण शर्त है। किसानों के जमीन के विवरण का सत्यापन राज्य सरकार के राजस्व विभाग के पोर्टल पर होना आवश्यक है। इस प्रक्रिया से यह पुष्टि होती है कि जमीन का वास्तविक स्वामी ही योजना का लाभ ले रहा है। यह कदम पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
जिन किसानों ने अभी तक अपने बैंक खाते, आधार कार्ड या जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट नहीं करवाया है, उन्हें समस्या हो सकती है। सभी जानकारियां सही और अद्यतन होने पर ही किसान की अगली किस्त जारी की जाएगी। किसानों को अपनी जानकारी जल्द से जल्द सत्यापित करवानी चाहिए।
सरकार द्वारा निर्धारित इन दोनों प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद ही किसानों की सूची अंतिम रूप से तैयार होती है। इसके बाद ही उनके बैंक खातों में सीधे दो हजार रुपये की राशि पहुंचाई जाती है। यह योजना देश के छोटे और सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है।
