Himachal News: हिमाचल सरकार ने पौधरोपण को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना को मंजूरी दी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। इस योजना से वन क्षेत्र बढ़ेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। वन विभाग ने पौधरोपण के लिए उपयुक्त जमीन का सर्वे पूरा कर लिया है।
समुदाय आधारित वनीकरण का लक्ष्य
राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना का उद्देश्य समुदाय आधारित पौधरोपण को बढ़ावा देना है। यह योजना पांच साल में 100 करोड़ रुपये की लागत से लागू होगी। महिला मंडल, युवक मंडल और स्वयं सहायता समूह इसमें शामिल होंगे। प्रत्येक समूह को एक हेक्टेयर पर 1.20 लाख रुपये की सहायता मिलेगी। पेड़ों की जीवित दर के आधार पर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
ऑनलाइन निगरानी की व्यवस्था
इस योजना की निगरानी ऑनलाइन होगी। वन विभाग पौधरोपण की प्रगति को जियो-टैगिंग के जरिए ट्रैक करेगा। ग्राम पंचायतें और युवक मंडल वन रक्षक या क्षेत्रीय वन अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। विभाग जमीन का निरीक्षण करेगी और पौधरोपण के लिए उपयुक्त प्रजातियों का चयन करेगी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।
चुनिंदा प्रजातियों का चयन
पौधरोपण के लिए बान, ब्यूल, अनारदाना, कचनार और बुरांश जैसे स्थानीय और फलदार पेड़ चुने गए हैं। ये पेड़ पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ग्रामीणों को फल और लकड़ी प्रदान करेंगे। योजना का लक्ष्य हरियाली बढ़ाना और समुदाय को पर्यावरण संरक्षण में शामिल करना है। वन विभाग ने इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
