India News: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव जारी है, जिसका सीधा असर भारत के खुदरा ईंधन बाजार पर पड़ रहा है। पिछले 11 दिनों में कच्चे तेल के दाम में 5.71 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे यह उम्मीद बढ़ गई है कि स्वतंत्रता दिवस के बाद पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती की जा सकती है।
कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार नीचे आ रही हैं। अमेरिकी क्रूड ऑयल (WTI) की कीमत 69.26 डॉलर प्रति बैरल से गिरकर 63.48 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है। वहीं, ब्रिटिश ब्रेंट क्रूड ऑयल भी 71.70 डॉलर से घटकर 65.98 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड हो रहा है। यह गिरावट वैश्विक मांग में कमी और आपूर्ति बढ़ने के कारण देखी जा रही है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर क्या होगा असर?
बाजार विश्लेषकों का अनुमान है कि अगर कच्चे तेल की कीमतें इसी तरह नीचे बनी रहती हैं, तो भारत में डीजल के दाम में 11.75 रुपये प्रति लीटर तक की कमी हो सकती है। हालांकि, पेट्रोल की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी (1.32 रुपये प्रति लीटर) का अनुमान भी लगाया जा रहा है। सरकार अगले फ्यूल प्राइस रिव्यू में इन बदलावों को लागू कर सकती है।
पिछले महीने हुई थी कीमतों में कटौती
1 अगस्त को सरकार ने पेट्रोल की कीमत में 7.54 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी, जिसके बाद इसकी कीमत 264.61 रुपये प्रति लीटर हो गई थी। वहीं, डीजल के दाम में 1.48 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई थी, जिससे यह 285.83 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया था। हालांकि, पेट्रोलियम उत्पाद शुल्क (लेवी) में 2.55 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी के कारण उपभोक्ताओं को पूरी राहत नहीं मिल पाई थी।
क्या सरकार देगी जनता को राहत?
अब सवाल यह है कि क्या केंद्र सरकार कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का फायदा आम जनता तक पहुंचाएगी? पिछले कुछ महीनों में पेट्रोल-डीजल के दामों में उतार-चढ़ाव जारी रहा है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेज गिरावट के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द ही नई दरों की घोषणा कर सकती है।
