World News: पेरू की संसद ने राष्ट्रपति डीना बोलुआर्टे पर महाभियोग चलाकर उन्हें पद से हटा दिया है। यह देश के एक दशक से भी कम समय में सातवां राष्ट्रपति परिवर्तन है। नए राष्ट्रपति के रूप में 38 वर्षीय जोस जेरी ने शपथ ग्रहण की। जेरी पेशे से वकील हैं और जुलाई में संसद अध्यक्ष बने थे। उन्होंने शपथ के बाद सुलह और अपराध नियंत्रण की प्रतिबद्धता जताई।
संसदीय प्रक्रिया बृहस्पतिवार की रात शुरू हुई जब 130 सदस्यीय संसद ने महाभियोग सुनवाई की व्यवस्था की। सांसदों ने बोलुआर्टे से अपना पक्ष रखने को कहा लेकिन वह उपस्थित नहीं हुईं। इसके बाद तुरंत मतदान प्रक्रिया शुरू की गई। 124 सांसदों ने महाभियोग के पक्ष में मतदान किया।
महाभियोग का आधार
संसद ने बोलुआर्टे सरकार द्वारा अपराध रोकने में विफल रहने को महाभियोग का आधार बनाया। यह उनके खिलाफ नौवां महाभियोग प्रयास था। इससे पहले के सभी आठ प्रयास विफल रहे थे। कोई भी सांसद महाभियोग के खिलाफ नहीं था। मतदान के बाद तत्काल प्रभाव से बोलुआर्टे को पद से हटा दिया गया।
राजधानी लीमा में एक संगीत कार्यक्रम में गोलीबारी की घटना ने इस निर्णय को गति दी। इस घटना में पांच लोग घायल हुए थे। देश में बढ़ते अपराध ने लोगों के गुस्से को भड़काया था। संसद ने सरकार की इस मामले में निष्क्रियता को रेखांकित किया।
नए राष्ट्रपति की प्रतिबद्धताएं
जोस जेरी ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के तुरंत बाद राष्ट्र के नाम संदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि वह देश में सुलह की कोशिश करेंगे। उन्होंने बेलगाम अपराध पर नियंत्रण का वादा किया। आगामी चुनावों में तटस्थता सुनिश्चित करने का भी आश्वासन दिया।
जेरी ने कहा कि अप्रैल में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव निष्पक्ष होंगे। उन्होंने संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करने पर जोर दिया। नए राष्ट्रपति ने सभी राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील की। उन्होंने देश की एकता बनाए रखने का संकल्प लिया।
राजनीतिक अनुभव
नए राष्ट्रपति जोस जेरी को राजनीति का अधिक अनुभव नहीं है। वह इससे पहले संसद अध्यक्ष के पद पर रहे हैं। उन्होंने पहले कहा था कि वह राष्ट्रपति पद की संस्थागत व्यवस्था में विश्वास करते हैं। उनके तत्काल सत्ता में आने को आश्चर्यजनक मोड़ माना जा रहा है।
डीना बोलुआर्टे दिसंबर 2022 में राष्ट्रपति बनी थीं। वह देश की पहली महिला राष्ट्रपति थीं। उनका कार्यकाल विवादों से घिरा रहा। लगातार महाभियोग के प्रयासों ने उनकी सरकार को अस्थिर बनाए रखा। अंततः संसद ने उन्हें पद से हटाने में सफलता प्राप्त की।
पेरू की राजनीतिक व्यवस्था में यह नया मोड़ है। देश ने पिछले एक दशक में सात राष्ट्रपति परिवर्तन देखे हैं। यह लगातार राजनीतिक अस्थिरता को दर्शाता है। नए राष्ट्रपति के सामने देश को स्थिरता दिलाने की बड़ी चुनौती है।
