धर्मशाला। Employee Missing In Knagra, जयसिंहपुर उपमंडल के तहत आशापुरी में चुनाव डयूटी से लापता हुए संजीव कुमार की तलाश के लिए स्वजन ने आवाज बुलंद की है।
परिवार के सदस्य व ग्रामीण रौंखर पंचायत प्रधान नीलम कुमारी के नेतृत्व में धर्मशाला पहुंचे। स्वजनों व ग्रामीणों ने एडीएम कांगड़ा से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंप संजीव कुमार को ढूंढने की मांग की। वहीं, कई सवाल भी उठाए और इन सवालों के तहत जांच करने की गुहार लगाई है। पंचायत प्रधान नीलम कुमारी, पूर्व प्रधान पृथ्वी सिंह, बीडीसी विपिन कुमार, राजेश, सुभाष आदि ने एडीएम से सवाल उठाते हुए कहा कि आज आठ दिन हो गए हैं, लेकिन संजीव कुमार का सुराग न मिलने से स्वजन ही नहीं ग्रामीण भी परेशान हैं। ग्रामीण युवा भी अपने स्तर पर संजीव कुमार की तलाश कर चुके हैं।
स्वजन व ग्रामीणों ने उठाए प्रशासन से सवाल
उन्होंने बताया कि लापता संजीव कुमार के परिवार में माता दर्शना देवी, पत्नी बबिता के अलावा दो बेटियां एक पांच और दूसरी आठ साल की है। परिवार में केवल संजीव ही कमाने वाला था। ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपते हुए सवाल उठाया कि 10 नवंबर, 2022 चुनाव डयूटी पहुंचने के बाद दस नवंबर की रात और 11 नवंबर के दिन ड्यूटी करने के बाद ऐसा क्या हुआ कि 11 नवंबर की रात को संजीव कुमार के बदले ड्यूटी पर दूसरा कर्मचारी बुलाना पड़ा।
पोलिंग बूथ पर किसने जलाई रजाइयां
11 नवंबर की रात को ऐसा क्या हुआ कि दो रजाइयां जल गईं और किसने जलाईं। क्या कारण था कि रात को स्कूल के सीसीटीवी कैमरे बंद किए गए। अगर संजीव बीमार था तो उनको एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया। अगर संजीव ने उस रात गलत काम किया तो उनको उस रात पुलिस थाना क्यों नहीं भेजा गया।
मोबाइल में बैटरी होने पर भी किसने स्विच आफ किया
उसके कपड़े मतदान केंद्र से एक किलोमीटर दूर कैसे पहुंच गए। उसके फोन की बैटरी 40 फीसद होने के बावजूद फोन बैग में स्विच आफ था जबकि हर व्यक्ति फोन अपनी जेब में रखता है। अधिकारी को क्या ऐसा लगा कि आधी रात को ही उसके बाद दूसरी कर्मी बुलाना पड़ा। अगर रजाइयां संजीव कुमार ने जलाई थी तो उसके 2800 रुपये अधिकारी ने क्यों चुकाए। इन सभी बातों को देखते हुए यह शंका पैदा हो रही है कि रात को ही मतदान केंद्र में कुछ हुआ है इसलिए मतदान केंद्र में तैनात सभी कर्मचारियों से पूछताछ कर सच्चाई सामने लाई जाए।
एडीएम ने किया आशवस्त
वहीं एडीएम कांगड़ा रोहित राठौर ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वास्त किया कि जो सवाल उन्होंने उठाए उनके तहत जांच के लिए लिखा जाएगा और प्रशासन पूरी तरह से प्रयासरत है।