Bihar News: पटना हाईकोर्ट ने बिहार के नवादा से आरजेडी के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव समेत छह आरोपियों को नाबालिग से बलात्कार के मामले में बरी कर दिया है। जस्टिस मोहित कुमार शाह और जस्टिस हरीश कुमार की खंडपीठ ने 315 पन्नों के फैसले में निचली अदालत के आजीवन कारावास के आदेश को पलट दिया।
मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला 2016 का है जब नालंदा जिले की एक किशोरी ने बिहारशरीफ महिला थाने में बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि पड़ोसी सुलेखा देवी ने उसे बर्थडे पार्टी के बहाने ले जाकर राजबल्लभ यादव और अन्य के साथ दुष्कर्म करवाया।
हाईकोर्ट का निर्णय
अदालत ने तीन प्रमुख आधारों पर आरोपियों को बरी किया:
- मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के साथ जबरन संबंध बनाने के कोई सबूत नहीं मिले
- अभियोजन पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से कम साबित करने में विफल रहा
- एफएसएल रिपोर्ट को सबूत के तौर पर पेश नहीं किया गया
निचली अदालत का फैसला
2018 में निचली अदालत ने राजबल्लभ यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अन्य पांच आरोपियों – सुलेखा देवी, राधा देवी, संदीप सुमन, तुसी देवी और अमृता देवी को भी विभिन्न धाराओं में सजा हुई थी।
फैसले के तकनीकी पहलू
कोर्ट ने कहा कि पीड़िता के कपड़ों की एफएसएल जांच रिपोर्ट सबूतों में शामिल नहीं की गई। साथ ही, मेडिकल रिपोर्ट में पाया गया कि पीड़िता यौन संबंध बनाने की आदी थी। अभियोजन पक्ष केस में संदेह को दूर करने में विफल रहा।
आरोपियों की रिहाई
हाईकोर्ट ने सभी छह आरोपियों को तत्काल जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। न्यायालय ने संदेह के लाभ का सिद्धांत लागू करते हुए अपीलकर्ताओं को बरी कर दिया।
मामले का राजनीतिक संदर्भ
राजबल्लभ यादव आरजेडी के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं। 2015 से 2020 तक वे नवादा के हिसुआ विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। इस फैसले
