Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश सरकार ने यात्री सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए बड़ा कदम उठाया है। ई-रिक्शा, ऑटो, टैक्सी, ओला-उबर और रैपीडो जैसे वाहनों के चालकों को अब अपने वाहन पर नाम, आधार नंबर और मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना होगा। परिवहन विभाग ने इस नियम को लागू करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। इसका उद्देश्य यात्रियों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
सख्त कार्रवाई की चेतावनी
परिवहन विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि चालक 15 दिनों में नियम का पालन नहीं करते, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इसमें चालान, वाहन जब्ती और परमिट रद्द करना शामिल हो सकता है। यह नियम पहले लखनऊ में लागू होगा, फिर पूरे प्रदेश में। विभाग का कहना है कि इससे यात्री सुरक्षा और पारदर्शिता में सुधार होगा, क्योंकि कई बार चालक की जानकारी न होने से शिकायत दर्ज करना मुश्किल होता है।
पारदर्शिता और सुरक्षा में सुधार
नए नियम से यात्रियों को चालक की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। इससे किसी अप्रिय घटना में त्वरित कार्रवाई संभव होगी। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वाहन पर चालक का नाम और संपर्क विवरण होने से ट्रैकिंग आसान होगी। यह कदम खासकर महिला यात्रियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाएगा। नियम के तहत जानकारी वाहन की बाहरी सतह या पीछे की ओर पढ़ने योग्य अक्षरों में लिखी जानी चाहिए।
यात्रियों ने की सराहना
यात्रियों ने इस पहल का स्वागत किया है। लखनऊ की एक महिला यात्री ने कहा कि चालक की जानकारी वाहन पर होने से सुरक्षा का एहसास होगा। उन्होंने कहा, “किसी परेशानी में शिकायत करना आसान हो जाएगा।” यह कदम यात्री सुरक्षा के साथ-साथ चालकों की जवाबदेही भी बढ़ाएगा। परिवहन विभाग ने सभी वाहन मालिकों से समयसीमा में नियम लागू करने की अपील की है।
लागू करने की प्रक्रिया
परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों को निर्देश दिया है कि वे अपने वाहनों पर चालक का नाम, आधार और मोबाइल नंबर स्पष्ट और पढ़ने योग्य अक्षरों में अंकित करें। यह जानकारी वाहन के बाहरी हिस्से या पीछे की ओर होनी चाहिए। लखनऊ में इसकी शुरुआत के बाद, इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे उत्तर प्रदेश में लागू किया जाएगा। इससे यात्रियों का विश्वास बढ़ेगा और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी।
