Himachal News: रविवार शाम एनएच-5 पर स्थित परवाणू टोल प्लाजा पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। आरोप है कि सीआरपीएफ के कुछ जवानों ने टोल पर्ची को लेकर कर्मचारियों के साथ बदतमीजी की और मारपीट तक की। टोल मालिक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। घटना की सीसीटीवी फुटेज पुलिस को सौंप दी गई है और डीएसपी स्तर पर जांच शुरू हो गई है।
यह घटना रविवार की शाम को टोल प्लाजा पर ट्रैफिक के सामान्य प्रवाह के दौरान घटी। टोल प्रबंधन के अनुसार, सीआरपीएफ के एक उच्च अधिकारी की गाड़ी ने टोल बूथ से प्रवेश पर्ची लेने में आनाकानी की। जब टोल कर्मचारी ने नियमानुसार पर्ची देने का प्रयास किया तो विवाद शुरू हो गया। इसी दौरान वहां मौजूद सशस्त्र और वर्दीधारी जवान आगे आए।
टोल प्लाजा के मालिक रॉबिन संधू ने पुलिस में दर्ज शिकायत में विस्तार से पूरा मामला बताया है। उनका आरोप है कि सीआरपीएफ के जवानों ने उनके कर्मचारियों को डराया-धमकाया और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। इस घटना से टोल प्लाजा पर काम कर रहे कर्मचारियों में डर का माहौल बन गया है और कामकाज प्रभावित हुआ है।
पुलिस ने शुरू की जांच
डीएसपी परवाणू अनिल शर्मा ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि जांच जारी है। उन्होंने कहा कि टोल प्रबंधन की शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस घटना से जुड़ी सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण कर रही है ताकि घटना के सही sequence का पता लगाया जा सके। सीसीटीवी फुटेज में घटना का पूरा दृश्य कैद हुआ है।
पुलिस के सामने चुनौती है क्योंकि आरोप सीआरपीएफ जैसी सशस्त्र सुरक्षा बल की इकाई के कर्मियों पर लगे हैं। ऐसे में पुलिस संवेदनशीलता के साथ मामले की हर पड़ताल कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि तथ्यों की जांच के बाद ही आगे की कानूनी प्रक्रिया का रास्ता तय होगा।
टोल प्रबंधन का बयान
टोल प्रबंधन ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि उनके कर्मचारी केवल अपना कर्तव्य निभा रहे थे और नियमों के अनुसार काम कर रहे थे। टोल पर्ची देना और लेना एक मानक प्रक्रिया है जिसका पालन सभी वाहन चालकों को करना होता है। प्रबंधन ने कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
इस घटना ने एक बार फिर टोल प्लाजा पर काम कर रहे कर्मचारियों की सुरक्षा के मुद्दे को उजागर किया है। पूरे देश में टोल बूथ पर काम करने वाले कर्मचारी अक्सर ऐसी घटनाओं का सामना करते हैं। इन हिंसक घटनाओं से न केवल कर्मचारियों का मनोबल टूटता है बल्कि सार्वजनिक व्यवस्था पर भी सवाल उठते हैं।
सीसीटीवी फुटेज है महत्वपूर्ण सबूत
इस मामले में सीसीटीवी फुटेज एक महत्वपूर्ण सबूत बन गया है। इस फुटेज में पूरी घटना कैद हुई है। फुटेज में देखा जा सकता है कि विवाद कैसे शुरू हुआ और किस तरह सीआरपीएफ के जवानों ने टोल कर्मचारियों के साथ व्यवहार किया। पुलिस इस फुटेज का विस्तृत विश्लेषण कर रही है।
सीसीटीवी कैमरों ने घटना के हर पल को रिकॉर्ड किया है जिसमें वर्दीधारी कर्मियों की मौजूदगी स्पष्ट दिख रही है। इस फुटेज के आधार पर पहचान करने और कार्रवाई करने में पुलिस को मदद मिलेगी। टोल प्लाजा पर सीसीटीवी कैमरों की मौजूदगी इस मामले में न्याय दिलाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है।
सुरक्षा बलों और टोल कर्मचारियों के संबंध
यह घटना सुरक्षा बलों और टोल कर्मचारियों के बीच संबंधों पर सवाल खड़े करती है। दोनों ही महत्वपूर्ण सेवाओं से जुड़े हैं और जनता की सेवा में तैनात हैं। ऐसे में आपसी सहयोग और सम्मान का भाव बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। इस घटना ने दोनों पक्षों के बीच तनाव पैदा कर दिया है।
टोल प्लाजा पर काम करने वाले कर्मचारी अक्सर ऐसी स्थितियों का सामना करते हैं जहां उन्हें आक्रामक व्यवहार झेलना पड़ता है। इसके लिए बेहतर प्रशिक्षण और सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है। साथ ही, सभी वाहन चालकों को टोल नियमों का पालन करने की आवश्यकता है चाहे वह किसी भी विभाग से संबंधित हों।
इस मामले में अब पुलिस जांच के निष्कर्ष का इंतजार है। पुलिस दोनों पक्षों के बयान ले रही है और सभी सबूतों का विश्लेषण कर रही है। आगे की कार्रवाई जांच रिपोर्ट पर निर्भर करेगी। इस बीच, टोल प्लाजा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो।
