शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

परशुराम कथा: भगवान परशुराम ने क्यों काटा अपनी मां का सिर? जानें पौराणिक कथा

भगवान परशुराम ने पिता जमदग्नि के आदेश पर मां रेणुका का सिर काट दिया था। यह मार्मिक कथा धर्म, आज्ञाकारिता और पश्चाताप से जुड़ी है। परशुराम ने बाद में मां को पुनर्जनन का वरदान मांगा।

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Mythology News: भगवान परशुराम, पराक्रमी और पितृभक्त, ने पिता ऋषि जमदग्नि के आदेश पर अपनी मां रेणुका का सिर काट दिया। रेणुका के क्षणिक मोह से क्रुद्ध जमदग्नि ने यह आदेश दिया था। परशुराम ने आज्ञा का पालन किया। उन्होंने बाद में पिता से वरदान मांगकर मां को जीवित किया। यह कथा धर्म और कर्तव्य की गहराई को दर्शाती है। परशुराम की तपस्या और पश्चाताप आज भी श्रद्धालुओं को प्रेरित करते हैं।

पिता का क्रोध और आदेश

रेणुका, एक पतिव्रता और तेजस्विनी महिला, नदी पर पानी लेने गईं। वहां राजा-रानी के प्रेम ने उनके मन में क्षणिक मोह जगा। त्रिकालज्ञ ऋषि जमदग्नि ने इसे पाप माना। उन्होंने पुत्रों को रेणुका का सिर काटने का आदेश दिया। चार पुत्रों ने इंकार किया, लेकिन परशुराम ने पिता की आज्ञा मानी। इस घटना ने उनके कर्तव्यनिष्ठ चरित्र को उजागर किया। यह कथा भक्ति और आज्ञाकारिता का प्रतीक है।

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पश्चाताप और तपस्या

परशुराम को मां के वध का गहरा पश्चाताप हुआ। उन्होंने पिता से वर मांगकर रेणुका और भाइयों को पुनर्जनन कराया। फिर भी, अपराध बोध ने उन्हें तपस्या के लिए प्रेरित किया। मान्यता है कि उन्होंने पशुपतिनाथ मंदिर और परशुराम कुंड जैसे स्थानों पर प्रायश्चित किया। अरुणाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश और हिमाचल के तीर्थ आज भी उनकी तपस्या की कहानी कहते हैं। यह कथा श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणादायक है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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