New Delhi: संसद शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। इस बार सदन में पहले दिन से ही जोरदार हंगामे के पूरे आसार हैं। विपक्षी पार्टियां नेशनल हेराल्ड केस और वोटर लिस्ट रिविजन (SIR) के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। वहीं, केंद्र सरकार इस सत्र में 10 अहम बिल पास कराने की पूरी कोशिश करेगी। यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा और छोटा होने के कारण हर दिन काफी महत्वपूर्ण होगा।
विपक्ष की रणनीति और सरकार का एजेंडा
तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और सपा ने वोटर लिस्ट में बदलाव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विपक्ष का आरोप है कि चुनाव आयोग के काम में केंद्र सरकार राजनीतिक दखल दे रही है। दूसरी ओर, सरकार का पूरा फोकस विधायी कार्यों को निपटाने पर है। सरकार न्यूक्लियर एनर्जी, हायर एजुकेशन और कॉर्पोरेट लॉ में सुधार के लिए नए बिल पेश करेगी। लगातार रुकावटें सरकार के कानूनी एजेंडे को प्रभावित कर सकती हैं।
वंदे मातरम पर होगी विशेष चर्चा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सीनियर मंत्रियों के साथ बैठक की है। सरकार इस बार ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर संसद में चर्चा करवाना चाहती है। पीएम मोदी ने हाल ही में कांग्रेस पर 1937 में इस गीत की पंक्तियां हटाने का आरोप लगाया था। सरकार का मानना है कि उस समय लिए गए फैसलों ने विभाजन के बीज बोए थे। इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष विपक्ष को घेरने की रणनीति बना चुका है।
वोटर लिस्ट मुद्दे पर केंद्र का रुख
केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि वोटर लिस्ट रिविजन पर संसद के भीतर चर्चा नहीं की जाएगी। सरकार इसे चुनाव आयोग की एक सामान्य और रूटीन प्रक्रिया मानती है। सरकार का तर्क है कि आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार ही काम किया है। बिहार चुनावों में मिली जीत का हवाला देते हुए सरकार ने कहा कि जनता इसे मुद्दा नहीं मानती। हालांकि, संसद शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष इस पर अड़ा रह सकता है।
