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मां बाप ने ले ली ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता, अब बेटे के पासपोर्ट पर फंस गया पेच, आइए जानें पूरा मामला

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Bengluru News: एक दंपती के आस्ट्रेलियाई नागरिकता हासिल करने का खामियाजा उनके नाबालिग बेटे को भुगतना पड़ रहा है। जयनगर के दंपती के बेटे के पासपोर्ट पर यह कहते हुए रोक लगा दी गई कि उसके माता-पिता दोनों अब भारतीय नागरिक नहीं हैं। नागरिकता अधिनियम के अनुसार, जब कोई व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं रहता है, तो उस व्यक्ति का प्रत्येक अवयस्क बच्चा भारत का नागरिक नहीं रहेगा। वहीं अब पासपोर्ट के चक्कर में उलझे माता-पिता ने इस मामले के लिए अपील की है। जो कि फिलहाल गृह मंत्रालय (एमएचए) के विचाराधीन है। हालांकि मामले में माता पिता दोनों ही इस नियम से अनजान थे कि ऐसा करने पर उन्हें यह तकलीफ झेलनी पड़ेगी।

बेटे को दादी के पास छोड़ गए थे दंपती

बेंगलुरु के रहने वाले दंपति आईटी पेशेवर हैं। ये लोग साल 2015 में ऑस्ट्रेलिया चले गए थे। बेंगलुरू के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, पुरुष और महिला अपने नाबालिग बेटे को जयनगर में उसकी दादी के पास छोड़कर ऑस्ट्रेलिया में बस गए थे। कुछ साल पहले, उन्होंने अपनी भारतीय नागरिकता त्याग दी और ऑस्ट्रेलियाई नागरिक बन गए। जबकि उनका नाबालिग लड़का, जो कि अब 15 साल का है। उसके पास भारतीय पासपोर्ट था। कोविड की स्थिति कम होने और भारत द्वारा अंतर्राष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंध हटाने के बाद दंपती 2022 में बेंगलुरु लौट आए और अपने बेटे को छुट्टी मनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया ले जाने की योजना बनाई। दंपती ने देखा कि उनके बेटे का भारतीय पासपोर्ट की वैधता खत्म हो चुकी है। इसके नवीनीकरण के लिए दंपती ने जब आवेदन करने की कोशिश की तो हकीकत बेपरदा हो गई।

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माता-पिता में एक की नागरिकता होना जरूरी

पासपोर्ट जारी करने या फिर नवीनीकरण करने के लिए कम से कम माता-पिता में से एक की नागरिकता होना जरूरी है। इसी के आधार पर नाबालिग के लिए एक भारतीय पासपोर्ट जारी या नवीनीकृत किया जाता है। लेकिन यहां तो नियम से अनजान माता पिता दोनों ने ही भारतीय नागरिकता त्याग दी थी। मामले से संबंधित एक अधिकारी ने इसको लेकर जानकारी दी। नागरिक अधिनियम 1955 की धारा 8 में कहा गया है ‘जहां एक व्यक्ति उप-धारा (I) के तहत भारत का नागरिक नहीं रहता है। उस व्यक्ति का प्रत्येक नाबालिग बच्चा भारत देश का नागरिक नहीं रहेगा। बशर्ते कि ऐसा कोई बच्चा बालिग होने के बाद एक साल के भीतर यह घोषणा कर सकता है कि वह फिर से भारतीय नागरिकता प्राप्त करना चाहता है। उसके बाद वह फिर से भारत का नागरिक बन जाएगा।

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