Lifestyle News: कई माता-पिता एक आम समस्या का सामना करते हैं। घर पर मेहमान आते ही बच्चे का व्यवहार बदल जाता है। वे जिद करने या नखरे दिखाने लगते हैं। मेहमानों के सामने डांटना या अनदेखा करना दोनों ही कठिन हो जाता है। यह स्थिति काफी परेशान करने वाली लग सकती है। विशेषज्ञ कुछ सरल तरीकों से इस समस्या को हल करने की सलाह देते हैं।
बच्चे के व्यवहार का कारण समझें
बच्चेअक्सर ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसा व्यवहार करते हैं। उन्हें लगता है कि मेहमानों ने उनकी दिनचर्या बिगाड़ दी है। वे यह महसूस करते हैं कि अब उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। यह भावना उन्हें जिद्दी बना देती है। वे किसी भी तरह से अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं। यह एक सामान्य बाल मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया है।
पहली टिप: बच्चे को अलग ले जाकर समझाएं
सबकेसामने बच्चे को डांटने से बचना चाहिए। इससे उनमें शर्मिंदगी या गुस्सा पैदा हो सकता है। बजाय इसके उन्हें प्यार से दूसरे कमरे में ले जाएं। वहां एकांत में शांति से बातचीत करें। उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। यह तरीका सार्वजनिक तिरस्कार से बचाता है और बच्चा आपकी बात बेहतर समझ पाता है।
दूसरी टिप: बच्चे को गतिविधियों में शामिल करें
बच्चेको मेहमानों की मेजबानी का हिस्सा बनाएं। उन्हें कोई छोटा सा जिम्मेदार काम सौंप सकते हैं। जैसे नमकीन परोसने या पानी के गिलास लाने का काम। इससे उन्हें महत्वपूर्ण महसूस होगा। उन्हें वयस्कों की बातचीत में भी शामिल किया जा सकता है। यह उनका ध्यान नखरों से हटाकर सकारात्मक गतिविधि में लगाएगा।
तीसरी टिप: समझौते का रास्ता अपनाएं
हर बात पर सख्तीया हर जिद के आगे झुकना ठीक नहीं है। बीच का रास्ता निकालने की कोशिश करें। बच्चे की मांग को सुनें और उस पर तर्कसंगत बातचीत करें। एक समझौते पर पहुंचने का प्रयास करें जो दोनों के लिए स्वीकार्य हो। उदाहरण के लिए, आप उनकी एक शर्त मान सकते हैं अगर वे आपकी बात मानते हैं।
शांत और धैर्य बनाए रखना जरूरी
ऐसीस्थिति में माता-पिता का शांत रहना सबसे महत्वपूर्ण है। गुस्सा या घबराहट स्थिति को और बिगाड़ सकती है। गहरी सांस लें और हालात का आकलन करें। याद रखें कि बच्चे का व्यवहार अस्थायी है। आपका धैर्यपूर्ण रवैया बच्चे को भी शांत करने में मदद करेगा। यह घटना आपके रिश्ते को प्रभावित नहीं करनी चाहिए।
मेहमानों को भी समझाएं स्थिति
अगर मेहमान करीबीहैं तो उन्हें भी स्थिति समझाएं। उनसे कह सकते हैं कि बच्चा थोड़ा असहज महसूस कर रहा है। ऐसे मेहमान जो स्वयं माता-पिता हैं वे आपकी भावना समझेंगे। वे भी बच्चे से सहानुभूतिपूर्वक बात करने में मदद कर सकते हैं। इससे एक तनावमुक्त माहौल बनाने में सहायता मिलेगी। सभी वयस्कों का सहयोग पूरी स्थिति को आसान बना देगा।
घटना के बाद की बातचीत है महत्वपूर्ण
मेहमानोंके जाने के बाद बच्चे से इस बारे में बात करें। उनसे पूछें कि उन्होंने ऐसा व्यवहार क्यों किया। उनकी भावनाओं को सुनें और उन्हें सही तरीका समझाएं। उन्हें यह बताएं कि अगली बार बेहतर तरीके से कैसे व्यवहार कर सकते हैं। यह पोस्ट-इवेंट चर्चा भविष्य के लिए एक सीख बन सकती है। इससे बच्चा अपने व्यवहार को समझने और सुधारने का मौका पाता है।
नियमित दिनचर्या में बदलाव से बचें
मेहमानोंके आने पर बच्चे की दिनचर्या ज्यादा न बदलें। उनके सोने, खाने या खेलने का समय लगभग समान रखने का प्रयास करें। अचानक बदलाव बच्चों में चिड़चिड़ापन पैदा कर सकते हैं। उन्हें पहले से ही बताएं कि आज कुछ अलग होने वाला है। इस तैयारी से उन्हें नई स्थिति के लिए ढलने में मदद मिलेगी।
सकारात्मक व्यवहार की प्रशंसा करें
जब बच्चाअच्छा व्यवहार करे तो उसकी तारीफ जरूर करें। उन्हें बताएं कि आपको उनका शिष्टाचार और सहयोग अच्छा लगा। यह सकारात्मक सुदृढीकरण भविष्य में अच्छे व्यवहार को प्रोत्साहित करेगा। छोटी-छोटी उपलब्धियों के लिए भी प्रशंसा दें। यह बच्चे के आत्मविश्वास को बढ़ाता है और वह ध्यान आकर्षित करने के गलत तरीकों का सहारा नहीं लेता।
