Water Supply News: हिमाचल सरकार ने ग्रामीण पंचायतों को पानी का बिल तय करने का अधिकार सौंपा है। ग्राम सभा की मंजूरी के बाद दरें लागू होंगी। पंचायतें जल योजनाओं का रखरखाव करेंगी। सरकार 354 करोड़ रुपये की ग्रांट देगी। जल शक्ति विभाग का हस्तक्षेप नहीं होगा। पंचायतें पानी की सप्लाई और मरम्मत का जिम्मा संभालेंगी।
पंचायतों को मिला पानी का बिल तय करने का अधिकार
हिमाचल सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की दरें तय करने का जिम्मा पंचायतों को सौंपा। ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित करना जरूरी है। बिल से प्राप्त राशि पंचायतों के पास रहेगी। इस राशि से जल योजनाओं का रखरखाव होगा। ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि इससे पंचायतों की आय बढ़ेगी।
जल शक्ति विभाग की भूमिका खत्म
जल शक्ति विभाग अब ग्रामीण जल योजनाओं में हस्तक्षेप नहीं करेगा। पंचायतें पानी की नियमित सप्लाई सुनिश्चित करेंगी। सप्लाई का सबूत देने के लिए कर्मचारियों को प्रधान से हस्ताक्षर लेने होंगे। अगर किसी वार्ड में पानी नहीं पहुंचा, तो पंचायत को समाधान करना होगा। यह कदम कर्मचारी अभाव के कारण उठाया गया।
354 करोड़ की ग्रांट और जियो टैगिंग
सरकार पंचायतों को जल योजनाओं के लिए 354 करोड़ रुपये की ग्रांट देगी। जल स्रोतों के संरक्षण के लिए जियो टैगिंग होगी। जल रक्षक टैंकों की सफाई करेंगे। बेलदार या कीमैन पानी की सप्लाई का जिम्मा संभालेंगे। पंचायतों को जल प्रबंधन में अधिक अधिकार मिले हैं।
पंचायतें बनेंगी आत्मनिर्भर
पंचायतें पानी के मासिक बिल जारी कर आय बढ़ा सकती हैं। ग्राम सभा की मंजूरी के बाद बिल की राशि तय होगी। यह राशि पंचायतों के पास रहेगी। इससे जल योजनाओं का संचालन और मरम्मत होगी। ग्रामीणों को मुफ्त पानी की सुविधा अभी जारी रहेगी।
पानी की सप्लाई में पारदर्शिता
पानी की सप्लाई की निगरानी के लिए पंचायतें जिम्मेदार होंगी। सप्लाई का रिकॉर्ड रखने के लिए प्रधान के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि हर वार्ड में पानी पहुंचे। पंचायतों को जल स्रोतों के प्रबंधन में स्वायत्तता मिलेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में नई व्यवस्था
हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में जल योजनाओं का संचालन अब पंचायतें करेंगी। सरकार का यह कदम पंचायतों को सशक्त बनाएगा। जल शक्ति विभाग के कर्मचारी अभाव के कारण यह जिम्मेदारी पंचायतों को दी गई। ग्रामीणों को नियमित पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
जल संरक्षण पर जोर
पंचायतों को जल स्रोतों के संरक्षण का जिम्मा भी सौंपा गया है। जियो टैगिंग से जल स्तर की निगरानी होगी। सरकार की ग्रांट से पंचायतें जल योजनाओं को मजबूत करेंगी। यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता बढ़ाएगा।
