शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

पंचायत चुनाव: आरक्षित सीट पर लड़ने के लिए जाति प्रमाणपत्र हुआ अनिवार्य, शपथ पत्र से नहीं चलेगा काम

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश में 2025 के पंचायत चुनाव में आरक्षित सीटों के लिए उम्मीदवारों को तहसीलदार से प्रमाणित जाति प्रमाणपत्र देना होगा। पहले शपथ पत्र से काम चल जाता था, लेकिन फर्जी पाए जाने पर चुनाव रद्द हो सकता था। अब अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की सीटों पर यह नियम लागू होगा।

3577 पंचायतों में होंगे चुनाव

हिमाचल में 3577 पंचायतों, 249 जिला परिषद और 91 पंचायत समिति सीटों पर पंचायत चुनाव होंगे। वार्ड पंच से लेकर प्रधान तक के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पुनर्सीमांकन का काम लगभग पूरा हो गया है। यह बदलाव पारदर्शिता और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। नए नियम से पंचायत चुनाव में निष्पक्षता बढ़ेगी।

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आरक्षण रोस्टर में सीटों का प्रावधान

पंचायत चुनाव में महिलाओं के लिए 50.57%, अनुसूचित जाति के लिए 25.39%, अनुसूचित जनजाति के लिए 7.58% और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 6.75% सीटें आरक्षित हैं। इन सीटों पर उम्मीदवारों को सक्षम अधिकारी से जाति प्रमाणपत्र देना अनिवार्य होगा। यह नियम आरक्षित वर्गों के लिए उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करेगा। नियमों का पालन न होने पर नामांकन रद्द हो सकता है।

सख्त नियमों से निष्पक्षता का लक्ष्य

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने बताया कि आरक्षित सीटों पर पंचायत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को नामांकन के साथ जाति प्रमाणपत्र जमा करना होगा। यह बदलाव पुरानी शपथ पत्र व्यवस्था को हटाकर किया गया है। नए नियम से फर्जी दावों पर रोक लगेगी और पंचायती राज संस्थाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी।

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Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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