Astro News: 5 अगस्त 2025 को श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि और मंगलवार का दिन है। पंचांग के अनुसार, यह दिन पुत्रदा एकादशी और श्रावण का अंतिम मंगला गौरी व्रत का है। एकादशी तिथि दोपहर 1:13 बजे तक रहेगी। वैधृति योग 6 अगस्त की सुबह 7:18 बजे तक रहेगा। ज्येष्ठा नक्षत्र सुबह 11:23 बजे तक रहेगा, फिर मूल नक्षत्र शुरू होगा। जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल।
तिथि और नक्षत्र
पंचांग के मुताबिक, 5 अगस्त 2025 को एकादशी तिथि दोपहर 1:13 बजे तक रहेगी। इसके बाद द्वादशी तिथि शुरू होगी। ज्येष्ठा नक्षत्र सुबह 11:23 बजे तक रहेगा। फिर मूल नक्षत्र लगेगा। वैधृति योग 6 अगस्त की सुबह 7:18 बजे तक रहेगा। यह दिन धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है। पुत्रदा एकादशी और मंगला गौरी व्रत का विशेष महत्व है। शुभ कार्यों के लिए समय का ध्यान रखें।
शुभ मुहूर्त
5 अगस्त 2025 के पंचांग में कई शुभ मुहूर्त हैं। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:48 से 5:32 बजे तक रहेगा। अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:19 से 1:10 बजे तक होगा। विजय मुहूर्त दोपहर 2:54 से 3:45 बजे तक रहेगा। गोधूलि मुहूर्त शाम 7:12 से 7:34 बजे तक रहेगा। इन समयों में शुभ कार्य शुरू करना लाभकारी होगा। धार्मिक अनुष्ठानों के लिए इन मुहूर्तों का उपयोग करें।
राहुकाल का समय
पंचांग के अनुसार, राहुकाल का समय अलग-अलग शहरों में भिन्न है। दिल्ली में दोपहर 3:48 से शाम 5:29 बजे तक रहेगा। मुंबई में दोपहर 3:58 से शाम 5:35 बजे तक होगा। चंडीगढ़ में दोपहर 3:52 से शाम 5:33 बजे तक रहेगा। लखनऊ में दोपहर 3:32 से शाम 5:12 बजे तक होगा। इस दौरान शुभ कार्यों से बचें। भोपाल, कोलकाता, अहमदाबाद और चेन्नई में भी राहुकाल का समय अलग है।
सूर्योदय और सूर्यास्त
5 अगस्त 2025 को सूर्योदय सुबह 5:45 बजे होगा। सूर्यास्त का समय शाम 7:09 बजे रहेगा। पंचांग के मुताबिक, यह समय पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है। सूर्योदय के समय ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान और पूजा करना शुभ माना जाता है। सूर्यास्त के समय गोधूलि मुहूर्त में विशेष अनुष्ठान किए जा सकते हैं। अपने दिन की योजना इन समयों के अनुसार बनाएं।
व्रत और त्योहार
5 अगस्त 2025 को पुत्रदा एकादशी और श्रावण का अंतिम मंगला गौरी व्रत मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, ये दोनों व्रत धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। मंगला गौरी व्रत वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए महत्वपूर्ण है। इन व्रतों के लिए शुभ मुहूर्तों का पालन करें। धार्मिक कार्यों में सावधानी बरतें।
