International News: पाकिस्तानी सेना ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की तिराह घाटी में हवाई हमला किया। इस हमले में कम से कम 30 लोगों की मौत की सूचना है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि मारे गए लोग निर्दोष नागरिक थे। इस घटना के बाद क्षेत्र में गुस्सा फैल गया है। लोगों ने विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हमला सोमवार रात को हुआ। पाकिस्तानी सेना ने लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया। उन्होंने तिराह घाटी के गांवों पर आठ बम गिराए। यह हमला रात करीब दो बजे किया गया। सेना का कहना है कि यह ऑपरेशन आतंकवादियों के खिलाफ था।
पीड़ितों के परिवारों में गुस्सा
हमले में मारे गए लोगों के परिवार गुस्से में हैं। अकाखेल जनजाति ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। महिला पीड़ितों के शवों को दफनाया जाएगा। पुरुषों और बच्चों के शव को कोर कमांडर हाउस के सामने रखा जाएगा। इसके जरिए वे विरोध प्रदर्शन करेंगे।
लोगों ने खैबर चौक पर धरना देने का ऐलान किया है। पेशावर में भी एक अलग प्रदर्शन की योजना है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ विदेश में हैं। सेना प्रमुख आसिम मुनीर भी संयुक्त राष्ट्र महासभा में शामिल होने अमेरिका गए हुए हैं।
सेना का आतंकवाद विरोधी अभियान
पाकिस्तानी सेना ने इस हमले को आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन बताया है। उनका कहना है कि यह कार्रवाई तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के खिलाफ थी। सेना का लक्ष्य आतंकवादी ढांचे और उनके नेतृत्व को निशाना बनाना था। इससे पहले भी सेना ने ऐसे कई ऑपरेशन किए हैं।
इसी कड़ी में सेना ने बन्नू और लकी मरवत जिलों में छापेमारी की थी। उन छापों में 31 आतंकवादियों के मारे जाने का दावा किया गया था। सुरक्षा बलों की रणनीति आतंकवादी समूहों की क्षमता को कमजोर करने की है।
बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के हनन के आरोप
पाकिस्तानी राजनेता मौलाना फजल-उर-रहमान ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान में लोगों के जबरन गायब होने में अधिकारी शामिल हैं। पिछले कुछ वर्षों में हजारों युवा और कार्यकर्ता लापता हुए हैं। सेना पर अत्याचार के आरोप लगते रहे हैं।
सेना पर आतंकवाद विरोधी अभियानों के नाम पर अत्याचार करने के आरोप हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों को निशाना बनाया जाता है। इन आरोपों पर अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी चिंता जताई है।
खैबर पख्तूनख्वा का भूगोल और जनसंख्या
खैबर पख्तूनख्वा पाकिस्तान का उत्तर-पश्चिमी प्रांत है। यह अफगानिस्तान की सीमा से लगा हुआ इलाका है। इस प्रांत में पश्तून बहुल आबादी निवास करती है। यह क्षेत्र 1,01,741 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
इस प्रांत की आबादी लगभग चार करोड़ है। यहां करीब 75-80 प्रतिशत आबादी पश्तून समुदाय की है। हिंदको, चित्राली और कोहिस्तानी जैसे छोटे समुदाय भी यहां रहते हैं। पश्तो यहां की मुख्य भाषा है। कुछ लोग हिंदी और उर्दू भी बोलते हैं।
क्षेत्र में बढ़ता तनाव
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान में सुरक्षा स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। आतंकवादी समूहों की गतिविधियां लगातार जारी हैं। सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच झड़पें होती रहती हैं। इससे स्थानीय आबादी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
नागरिकों का कहना है कि उन्हें दोनों तरफ से खतरा महसूस होता है। एक तरफ आतंकवादी हैं तो दूसरी तरफ सुरक्षा बलों की कार्रवाइयां हैं। ऐसे में आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोग शांति और सुरक्षा की कामना कर रहे हैं।
