Pakistan News: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सुरक्षा बलों और तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस घटना में कम से कम 280 लोगों के मारे जाने की खबर है। 1900 से अधिक लोग गोली लगने से घायल हुए हैं। यह घटना शेखपुरा जिले के मुरीदके शहर में घटी जहां प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहे थे। पाकिस्तानी रेंजर्स और पुलिस ने प्रदर्शन रोकने के लिए गोलीबारी की।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह घटना सोमवार तड़के चार बजे घटी। सुरक्षा बलों ने पहले स्मोक ग्रेनेड फेंके और फिर सीधी गोलीबारी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारी गाजा शांति समझौते के विरोध में अमेरिकी दूतावास तक जाना चाहते थे। टीएलपी का आरोप है कि सुरक्षा बलों ने मंच को आग लगा दी और सबूत मिटाने की कोशिश की।
क्या है टीएलपी का लब्बैक मार्च?
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने बीते शुक्रवार को लाहौर से इस्लामाबाद के लिए एक बड़ा मार्च शुरू किया था। इस मार्च को लब्बैक या अक्सा मार्च नाम दिया गया था। प्रदर्शनकारी अमेरिका और इजरायल द्वारा किए गए गाजा समझौते का विरोध कर रहे थे। मार्च के पहले दिन ही पुलिस और रेंजर्स ने गोलीबारी की थी जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी।
मौलाना साद हुसैन रिज़वी के नेतृत्व में यह मार्च शनिवार रात को मुरीदके पहुंचा। यहां दो दिनों तक सरकार और टीएलपी के बीच बातचीत चलती रही। बातचीत के दौरान मार्च को रोकने का प्रयास किया गया। जब बातचीत विफल हुई तो सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी।
TLP प्रमुख के घायल होने की खबर
टीएलपी की ओर से दावा किया गया है कि गोलीबारी में उनके प्रमुख मौलाना साद हुसैन रिज़वी भी घायल हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक गोली लगते ही वह मंच से गिर पड़े। इस दौरान वे लगातार पाकिस्तानी रेंजर्स और पुलिस से गोलीबारी रोकने की अपील कर रहे थे। उनकी वर्तमान स्थिति के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं है।
हिंसा के बाद के दृश्यों का वर्णन करते हुए आंखों देखे हालात बताने वालों ने मंच के पास कई शवों की मौजूदगी की बात कही। सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर कर सफाए का काम शुरू किया। स्थानीय अस्पतालों में हाहाकार मचा हुआ है और घायलों के इलाज के लिए पर्याप्त संसाधनों की कमी बताई जा रही है।
पाकिस्तान सरकार की प्रतिक्रिया
इस घटना पर पाकिस्तान सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि स्थानीय प्रशासन ने कार्रवाई को आवश्यक बताया है। उनका कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर हमला किया था। इसके जवाब में नियंत्रण से बाहर स्थिति को handle करने के लिए गोलीबारी की गई।
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है। आयोग ने तत्काल एक स्वतंत्र जांच की मांग की है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन भी इस मामले में हस्तक्षेप की तैयारी कर रहे हैं। पाकिस्तान में राजनीतिक दलों ने भी इस हिंसा की निंदा की है।
क्षेत्र में तनाव की स्थिति
मुरीदके और आसपास के इलाकों में अब भी तनाव बना हुआ है। सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया है। स्थानीय लोगों को अपने घरों में ही रहने की सलाह दी गई है। मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी बाधित की गई हैं। स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
टीएलपी के समर्थक देश के अन्य हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन शुरू कर सकते हैं। इस आशंका के मद्देनजर प्रमुख शहरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। पाकिस्तान सरकार इस घटना के बाद एक गंभीर राजनीतिक संकट का सामना कर रही है। विपक्षी दल सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं।
