New Delhi News: भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान अब पूर्वोत्तर राज्यों में अशांति फैलाने के लिए एक खतरनाक साजिश रच रहा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई बांग्लादेश की धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करना चाहती है। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में छिपे उल्फा (ULFA) सरगना परेश बरुआ को वापस ढाका लाने की तैयारी चल रही है। बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद वहां पाकिस्तान का दखल काफी बढ़ गया है। यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है।
पाकिस्तान और चीन का नया गठजोड़
परेश बरुआ लंबे समय से भारत की पकड़ से दूर है। वह फिलहाल चीन की पनाह में है। पाकिस्तान अब उसे बांग्लादेश में दोबारा स्थापित करना चाहता है। मोहम्मद यूनुस की सरकार आने के बाद ढाका में पाकिस्तान की सक्रियता बढ़ी है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर ढाका को भारत विरोधी गतिविधियों का केंद्र बनाना चाहते हैं। इसके लिए वे वहां मौजूद जमात-ए-इस्लामी जैसे कट्टरपंथी संगठनों की मदद ले रहे हैं।
पूर्वोत्तर भारत को तोड़ने की धमकी
पाकिस्तान के इस हौसले के पीछे बांग्लादेश के भीतर पनप रही भारत विरोधी भावनाएं हैं। हाल ही में बांग्लादेश नेशनल सिटीजन पार्टी के एक नेता ने भारत के ‘सेवन सिस्टर्स’ राज्यों को अलग करने की धमकी दी थी। इतना ही नहीं, सिलीगुड़ी कॉरिडोर यानी ‘चिकन नेक’ को काटने की साजिशों की भी चर्चा है। भारत सरकार ने इन बयानों को गंभीरता से लिया है। विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेशी उच्चायुक्त को तलब करके अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की है।
चुनावों पर टिकी हैं नजरें
इस पूरी साजिश में चीन भी पाकिस्तान का पूरा साथ दे रहा है। चीन ने पहले भी परेश बरुआ को म्यांमार सीमा के पास सुरक्षित रास्ता दिया था। अब दोनों देश बांग्लादेश में फरवरी में होने वाले चुनावों का इंतजार कर रहे हैं। उनका मकसद वहां अपनी पसंद की सरकार बनवाना है। इससे वे अपने पुराने नेटवर्क को फिर से जिंदा कर सकेंगे। भारत को अपनी सीमाओं पर अब पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
