Pakistan News: पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत इन दिनों गंभीर अशांति से गुजर रहा है। प्रांत में सुरक्षा हालात बिगड़ने के बाद अधिकारियों ने मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं। यह कदम गृह विभाग के सुरक्षा अलर्ट के बाद उठाया गया है। राजधानी क्वेटा को छोड़कर पूरे प्रांत में यह सेवा बंद रहेगी।
सुरक्षा अलर्ट के अनुसार मोबाइल इंटरनेट सेवाएं 16 नवंबर तक बंद रहेंगी। इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग एन-70 के लोरलाई खंड पर सभी परिवहन सेवाएं भी रोक दी गई हैं। एक अधिकारी ने बताया कि यह निर्णय सुरक्षा चिंताओं और वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए लिया गया है।
स्कूल बंद, शिक्षा व्यवस्था प्रभावित
सुरक्षा कारणों से क्वेटा के छावनी क्षेत्र के सभी स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है। ये स्कूल 16 नवंबर तक बंद रहेंगे। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि प्रांत के ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट सेवा पूरी तरह बंद रहेगी। हालांकि क्वेटा जिले को इससे छूट दी गई है।
इसके बावजूद क्वेटा के इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने सेवाओं में रुकावट की शिकायतें की हैं। गृह विभाग ने सभी जिला प्रशासनों और पुलिस अधिकारियों को इस निर्णय का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जनता की सुविधा के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने को कहा गया है।
रेल सेवाएं भी हुई प्रभावित
हाल ही में पाकिस्तान रेलवे ने भी सुरक्षा संबंधी आशंकाओं के चलते क्वेटा और पेशावर के बीच चलने वाली जाफर एक्सप्रेस की सेवाएं स्थगित कर दी थीं। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक यह निर्णय सुरक्षा एजेंसियों की सलाह पर लिया गया था। ट्रेन सेवाएं चार दिनों के लिए रोकी गई थीं।
यह घटनाक्रम उस समय सामने आया है जब पाकिस्तान अफगानिस्तान सीमा पर पहले से तनाव का माहौल बना हुआ है। बलूचिस्तान प्रांत में स्थिति और भी गंभीर बताई जा रही है। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि प्रांत में हालात गृहयुद्ध के कगार पर पहुंच चुके हैं।
पाकिस्तानी सेना पर आम नागरिकों की हत्याओं और बलोच नेताओं के अपहरण के आरोप लगते रहे हैं। इन्हीं आरोपों और बढ़ते तनाव के बीच प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं रोकने का निर्णय लिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे उनकी दैनिक जिंदगी प्रभावित हुई है।
इंटरनेट बंद होने से व्यापार और संचार सेवाएं ठप्प हो गई हैं। लोग अपने रिश्तेदारों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि इससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सुरक्षा बलों ने प्रांत के विभिन्न इलाकों में कार्रवाई तेज कर दी है। अधिकारी किसी भी अप्रिय घटना को रोकना चाहते हैं। हालांकि स्थानीय संगठन सरकार के इन कदमों की आलोचना कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह नागरिक अधिकारों का हनन है।
बलूचिस्तान में सुरक्षा स्थिति लंबे समय से चिंता का विषय बनी हुई है। इस नवीनतम स्थिति ने हालात को और गंभीर बना दिया है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी इस क्षेत्र में मानवाधिकारों के हनन पर चिंता जताई है।
