Balochistan News: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में चार शवों की खोज ने फिर से बहस छेड़ दी है। यह मामला जबरन गायब करने और न्यायेतर हत्याओं से जुड़ा है। परिवारों और मानवाधिकार समूहों ने सुरक्षा बलों पर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि नागरिकों के खिलाफ व्यवस्थित हिंसा हो रही है।
तीन लोगों की पहचान उम्मेद के पुत्र कुद्दूस बलूच, दिलवाश के पुत्र नीक साल बलूच और अर्ज मुहम्मद के पुत्र नजर अर्ज मुहम्मद के रूप में हुई है। वे केच जिले के बुलेदा इलाके में मृत पाए गए। तीनों सीमा पार व्यापार से जुड़े ड्राइवर थे। उनके परिवारों ने बताया कि 30 सितंबर को सुरक्षा बलों ने उन्हें हिरासत में लिया।
डेथ स्क्वाड का आरोप
परिवारों का आरोप है कि सुरक्षा बलों और सरकार समर्थित मिलिशिया ने उन्हें पकड़ा। स्थानीय लोग इस मिलिशिया को ‘डेथ स्क्वाड’ कहते हैं। हिरासत में लेने के अगले ही दिन तीनों के शव मिले। शव गोलियों से छलनी हालत में थे। इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है।
बलूचिस्तान पोस्ट ने पहले ही नजर अर्ज मुहम्मद के लापता होने की खबर दी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि मिलिशिया के सदस्यों ने उनका अपहरण किया। ऐसी घटनाओं की बार-बार पुनरावृत्ति ने स्थानीय लोगों की आशंकाओं को बढ़ा दिया है। लोग मानते हैं कि राज्य इन मानवाधिकार उल्लंघनों को अनदेखा कर रहा है।
एक और मामला सामने आया
एक अलग घटना में रोशिन के बेटे जनजैब बलूच का शव मिला। यह शव लासबेला जिले के उथल इलाके में मकुरन तटीय राजमार्ग के पास मिला। जनजैब ग्वादर जिले के पासनी क्षेत्र का रहने वाला था। वह एक मजदूर था।
जनजैब को 28 सितंबर को उसके घर से अगवा कर लिया गया। इसके बाद से वह लापता था। उसके शव की बाद में पहचान हुई। इस घटना ने भी स्थानीय लोगों में गुस्सा और डर पैदा किया है। लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
बलूचिस्तान में लंबे समय से ऐसी घटनाएं होती रही हैं। मानवाधिकार संगठन लगातार इन मामलों पर रिपोर्ट देते आए हैं। वे सुरक्षा बलों की कार्रवाइयों पर सवाल उठाते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इन मानवाधिकार चिंताओं को उजागर किया है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि यह एक व्यवस्थित चलन बन गया है। उनका आरोप है कि बलूच अलगाववाद से जुड़े सवालों को दबाने के लिए ऐसी तरीके अपनाए जा रहे हैं। इससे पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है। लोगों में राज्य संस्थाओं के प्रति अविश्वास गहरा हो रहा है।
