World News: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चले आ रहे सीमा संघर्ष के बीच एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। कतर के विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि दोनों देश दोहा में हुई शांति वार्ता के दौरान तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। यह वार्ता कतर और तुर्की की संयुक्त मध्यस्थता में आयोजित की गई थी।
यह ऐतिहासिक समझौता उस समय हुआ है जब पिछले एक सप्ताह से दोनों देशों की सीमा पर भीषण झड़पें जारी थीं। इन झड़पों में दर्जनों लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए थे। यह संघर्ष साल 2021 में तालिबान के काबुल में सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के बीच हुई सबसे भीषण हिंसा मानी जा रही थी।
वार्ता की महत्वपूर्ण बातें
दोहा में हुई इस उच्चस्तरीय वार्ता में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने भाग लिया। पाकिस्तान की ओर से रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ और अफगानिस्तान की ओर से रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब ने वार्ता में हिस्सा लिया। बैठक बंद कमरे में करीब साढ़े चार घंटे तक चली और सकारात्मक माहौल में संपन्न हुई।
कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष युद्धविराम की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आने वाले दिनों में अनुवर्ती बैठकें आयोजित करने पर भी सहमत हुए हैं। इन बैठकों का उद्देश्य युद्धविराम के कार्यान्वयन को विश्वसनीय और टिकाऊ तरीके से सुनिश्चित करना है।
संघर्ष की पृष्ठभूमि
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हाल के दिनों में सीमा पर तनाव बढ़ गया था। पाकिस्तान लंबे समय से अफगानिस्तान पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह देने का आरोप लगाता रहा है। वहीं तालिबान सरकार इस आरोप को पूरी तरह से खारिज करती आई है।
इस बीच अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर अफगान हवाई क्षेत्र का उल्लंघन और सीमा पार बिना कारण हमले करने का आरोप लगाया है। अफगान सूत्रों के दावे के अनुसार पाकिस्तान ने पिछले चार वर्षों में 1,200 से अधिक बार सीमा का उल्लंघन किया है।
दोनों पक्षों की मांगें
वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी मुख्य मांगें रखीं। पाकिस्तान ने सीमित संघर्ष विराम बढ़ाने और खोस्त-उत्तरी वजीरिस्तान कॉरिडोर पर अपनी सैन्य आवाजाही के लिए सुरक्षित क्षेत्रों के निर्माण की मांग रखी। इसके साथ ही पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से सीमा पार आतंकवाद समाप्त करने पर जोर दिया।
अफगानिस्तान की ओर से तालिबान प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान की सीमा पार हवाई कार्रवाई को पूरी तरह रोकने और पाकिस्तानी हिरासत में बंद TTP लड़ाकों को सौंपने की मांग की। तालिबान प्रतिनिधि ने कहा कि उनका कर्तव्य अपने देश की रक्षा करना है।
मानवीय कीमत और प्रभाव
हालिया संघर्ष में दोनों ओर के दर्जनों सैनिक और नागरिक मारे गए हैं। शुक्रवार देर रात पाकिस्तान के हवाई हमलों में अफगानिस्तान के पाकटिका प्रांत में दस नागरिकों की मौत हो गई। इनमें तीन स्थानीय क्रिकेटर और दो बच्चे भी शामिल थे।
इन हमलों के बाद अफगानिस्तान ने पाकिस्तान में होने वाली ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय ट्राई सीरीज से अपनी टीम वापस बुला ली। यह सीरीज नवंबर में पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ खेली जानी थी। इससे क्रिकेट के क्षेत्र में भी द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव का पता चलता है।
भविष्य की राह
दोनों प्रतिनिधिमंडल रविवार सुबह दोहा में ही वार्ता के दूसरे सत्र के लिए फिर से मिलेंगे। सीएनएन-न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार 25 अक्टूबर को इस्तांबुल में भी एक बैठक रखी गई है। इससे स्पष्ट है कि अविश्वास के बावजूद दोनों पक्ष बातचीत जारी रखने को इच्छुक हैं।
क्षेत्रीय स्थिरता के लिहाज से यह सहमति एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। दोहा में हुई यह वार्ता दक्षिण एशिया की सबसे अस्थिर सीमाओं में से एक पर स्थायी शांति की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकती है। दोनों देशों के बीच 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल होने की उम्मीद की जा रही है।
