Srinagar News: जम्मू-कश्मीर पुलिस को पहलगाम आतंकी हमले के मामले में एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों की सहायता करने के आरोप में एक शिक्षक को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान मोहम्मद यूसुफ कटारिया के रूप में हुई है। 26 वर्षीय कटारिया दक्षिण कश्मीर का निवासी है।
यह गिरफ्तारी पिछले पांच महीने चले जांच अभियान का नतीजा है। श्रीनगर पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस का मानना है कि कटारिया ने हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में आतंकवादियों की मदद की।
ऑपरेशन महादेव से मिला था सुराग
यह सफलता ऑपरेशन महादेव में मिली जानकारी का परिणाम है। इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया था। ये आतंकी पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार थे। मारे गए आतंकवादियों से बरामद हथियारों और उपकरणों की जांच से कटारिया तक पहुंचने में मदद मिली।
जांचकर्ताओं ने बरामद सबूतों का विश्लेषण किया। इससे एक स्थानीय सहयोगी के नेटवर्क का पता चला। पुलिस ने डिजिटल सबूतों और गवाहों के बयानों से इसकी पुष्टि की। यह गिरफ्तारी हमले के बाद की पहली बड़ी सफलता मानी जा रही है।
22 अप्रैल को हुआ था भीषण हमला
22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में एक भीषण आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इनमें से 25 लोग देश के विभिन्न राज्यों से आए पर्यटक थे। इस घटना ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया था।
हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा ने ली थी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को ट्रैक करने का काम शुरू किया। हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया था। इसने कश्मीर घाटी में सुरक्षा चुनौतियों को फिर से उजागर किया।
ऑपरेशन सिंदूर में मिला था जवाब
हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने साहसिक कार्रवाई की। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे। यह कार्रवाई सुरक्षा बलों की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रमाण थी।
ऑपरेशन सिंदूर ने एक स्पष्ट संदेश दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेगा। इसके बाद ऑपरेशन महादेव शुरू किया गया। इस ऑपरेशन का उद्देश्य हमले में सीधे शामिल आतंकवादियों का सफाया करना था।
जुलाई में मारे गए थे हमलावर
जुलाई महीने के अंतिम सप्ताह में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली। ऑपरेशन महादेव में तीनों पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए। ये आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान और उसके साथी थे। इन सभी का संबंध पाकिस्तान के विभिन्न शहरों से था।
हाशिम मूसा रावलकोट का निवासी था। अबू हमजा उर्फ हैरिस सियालकोट से संबंध रखता था। मोहम्मद यासिर भी पाकिस्तान का नागरिक था। इनकी मौत के बाद अब उनके स्थानीय सहयोगी पर जांच का फोकस है। पुलिस संगठन के पूरे नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है।
मोहम्मद यूसुफ कटारिया की गिरफ्तारी से जांच को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। इससे हमले की योजना और उसमें शामिल अन्य लोगों के बारे में जानकारी मिल सकती है। यह मामला अभी और खुलासे कर सकता है।
