Jammu and Kashmir News: जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया। इस हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई। जांच में सामने आया है कि यह पहलगाम आतंकी हमला पाकिस्तान की ISI और लश्कर-ए-तैयबा की साजिश था। भारतीय सेना ने जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस घटना ने क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है।
हमले की साजिश का खुलासा
रिपोर्ट्स के अनुसार, ISI ने लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर साजिद जट्ट को हमले की जिम्मेदारी सौंपी थी। केवल पाकिस्तानी आतंकवादियों को शामिल किया गया, ताकि गोपनीयता बनी रहे। हमले की अगुवाई सुलेमान ने की, जो पाकिस्तान की स्पेशल फोर्सेज का पूर्व कमांडो माना जाता है। उसने 2022 में लश्कर के मुरीदके ठिकाने पर प्रशिक्षण लिया था। यह खुलासा क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों पर गंभीर सवाल उठाता है।
सुलेमान की गतिविधियां
सैटेलाइट फोन विश्लेषण से पता चला कि सुलेमान 15 अप्रैल को त्राल में था। यह स्थान बैसारन घाटी के करीब है, जहां हमला हुआ। वह घटना से एक सप्ताह पहले क्षेत्र में मौजूद था। जांच में सामने आया कि उसने स्थानीय समर्थन के बिना हमले की योजना बनाई। यह जानकारी पाकिस्तानी आतंकवादियों की सुनियोजित रणनीति को दर्शाती है।
ऑपरेशन सिंदूर का जवाब
7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया। कई महत्वपूर्ण आतंकी अड्डे नष्ट हुए। भारत ने इस हमले को पहलगाम आतंकी हमले का जवाब बताया। इसके साथ ही भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया और पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया।
जांच में नया मोड़
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हमले की जांच में ISI और पाकिस्तानी सेना की भूमिका की पुष्टि की। दो स्थानीय कश्मीरियों को आतंकियों को पनाह देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। जांच में पता चला कि हमले में शामिल आतंकी पाकिस्तानी थे। इस खुलासे ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।
क्षेत्र में तनाव
पहलगाम आतंकी हमला क्षेत्र की शांति के लिए बड़ा झटका है। पर्यटकों पर हमले ने लोगों में डर पैदा किया है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसकी निंदा की मांग की है। पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है, लेकिन जांच में मिले सबूतों ने उसकी भूमिका पर सवाल उठाए हैं। यह घटना दोनों देशों के रिश्तों को और तनावपूर्ण बना सकती है।
आतंकियों की रणनीति
जांच से पता चला कि आतंकियों ने हमले के लिए बैसारन घाटी को चुना, क्योंकि वहां सुरक्षा कम थी। हमले में M4 कार्बाइन और AK-47 जैसे हथियारों का इस्तेमाल हुआ। आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, जिससे क्षेत्र की पर्यटन छवि को नुकसान पहुंचा। इस हमले ने कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
भारत ने इस हमले के बाद कई देशों के साथ सबूत साझा किए। अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत का समर्थन किया। पाकिस्तान ने स्वतंत्र जांच की मांग की, जिसे भारत ने ठुकरा दिया। इस घटना ने वैश्विक स्तर पर कश्मीर मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है।
