India News: भारतीय सेना के सैन्य अभियान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने मंगलवार को महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस साल मई में शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर और बाद के संघर्षों में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा। लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा जारी मरणोपरांत पुरस्कारों की सूची से पता चलता है कि नियंत्रण रेखा पर 100 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। यह आकलन पाकिस्तानी सेना द्वारा स्वयं जारी आंकड़ों पर आधारित है।
वायुसेना की शानदार कामयाबी
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने वायुसेना प्रमुख के हवाले से जानकारी दी कि मई के संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने कम से कम 12 विमान खो दिए। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के 11 हवाई ठिकानों पर सटीक हमले किए। इन हमलों में आठ हवाई अड्डे, तीन हैंगर और चार रडार प्रणालियां क्षतिग्रस्त हुईं। जमीन पर खड़े विमानों को भी भारी नुकसान पहुंचा। नष्ट हुए विमानों में एक सी-130 श्रेणी का विमान और एक एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल विमान शामिल था।
नौसेना की तैयारी
सैन्य अधिकारी ने बताया कि भारतीय नौसेना संघर्ष में अपनी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार थी। यदि पाकिस्तान ने संघर्ष जारी रखने का फैसला किया होता तो परिणाम उसके लिए विनाशकारी होते। लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि नौसेना न केवल समुद्र से बल्कि अन्य माध्यमों से भी कार्रवाई के लिए तैयार थी। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा किए गए ड्रोन हमलों को पूरी तरह नाकाम करार दिया।
संघर्ष की शुरुआत
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने सात से दस मई के बीच चले संघर्ष के बारे में विस्तार से बताया। सात मई को भारत द्वारा नौ आतंकी ठिकानों पर बमबारी के तुरंत बाद पाकिस्तान ने सीमा पार से गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद दोनों देशों के बीच कई दिनों तक संघर्ष जारी रहा। भारतीय सुरक्षा बलों ने हर चुनौती का मुकाबला करने में सफलता हासिल की। सेना ने हर मोर्चे पर अपनी श्रेष्ठता साबित की।
पहलगाम हमलावरों का अंत
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने जून में पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकवादियों के समापन का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि सेना ने 96 दिनों तक लगातार ऑपरेशन जारी रखा। सेना ने आतंकवादियों को चैन से नहीं बैठने दिया। जब इन तीनों आतंकवादियों को ढूंढकर मार गिराया गया तो वे भागते-भागते थक गए थे। वे बहुत कुपोषित भी लग रहे थे। यह ऑपरेशन सेना की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रमाण था।
आतंकवाद के खिलाफ नई रणनीति
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि आतंकवाद के विरुद्ध भारत की रणनीति में सैद्धांतिक बदलाव आया है। प्रधानमंत्री ने तीन महत्वपूर्ण बातें कही हैं। पहला, आतंकवादी हमले को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और इसकी निर्णायक जवाबी कार्रवाई होगी। दूसरा, भारत परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। तीसरा, आतंकवादियों और आतंकवाद के प्रायोजकों के बीच कोई अंतर नहीं है। यह नई रणनीति देश की सुरक्षा के प्रति गंभीरता दर्शाती है।
सेना की तैयारियां
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि भारतीय सेना हर प्रकार की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। सेना ने हाल के संघर्षों में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है। देश की सुरक्षा के लिए सभी सेनाएं पूरी तरह सजग और तैयार हैं। सेना ने हर मोर्चे पर अपनी कुशलता साबित की है। भविष्य में भी सेना देश की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार रहेगी।
