India News: सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 16 जवानों को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ दिखाई गई अदम्य वीरता के लिए वीरता पदक से सम्मानित किया गया है। केंद्र सरकार ने 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर इन बहादुर जवानों के नामों की घोषणा की। इनमें सब इंस्पेक्टर व्यास देव, कांस्टेबल सुद्दी राभा और अभिषेक श्रीवास्तव जैसे जांबाज शामिल हैं।
ऑपरेशन सिंदूर में BSF जवानों की अहम भूमिका
यह ऑपरेशन 7 से 10 मई के बीच चलाया गया था। इसका मकसद 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देना था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान BSF के दो जवान शहीद हुए, जबकि सात घायल हो गए।
जांबाजों की वीरता की कहानियां
सब इंस्पेक्टर व्यास देव ने पाकिस्तानी मोर्टार हमले में अपना बायां पैर खो दिया था। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और गोला-बारूद की आपूर्ति जारी रखी। कांस्टेबल सुद्दी राभा ने भी गंभीर चोटों के बावजूद ड्यूटी नहीं छोड़ी।
असिस्टेंट कमांडेंट अभिषेक श्रीवास्तव की टीम ने जम्मू के खारकोला सेक्टर में पाकिस्तानी ड्रोनों को नष्ट किया। इस दौरान एक ड्रोन से गिराए गए मोर्टार ने उनके बंकर को नुकसान पहुंचाया। इस हमले में सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज और कांस्टेबल दीपक चिंगाखम शहीद हो गए।
पाकिस्तानी निगरानी तंत्र को किया ध्वस्त
सहायक उप निरीक्षक उदय वीर सिंह ने जम्मू की जबोवाल सीमा चौकी पर पाकिस्तानी निगरानी कैमरा नष्ट किया। गोलीबारी में उनके ऊपरी होंठ पर गंभीर चोट आई, लेकिन वह मोर्चे पर डटे रहे। उनकी बहादुरी से भारतीय सैनिकों का मनोबल बढ़ा।
एएसआई राजप्पा बीटी और कांस्टेबल मनोहर जाल्कसो ने करोटाना खुर्द चौकी पर गोला-बारूद भरते समय मोर्टार हमला झेला। गंभीर घायल होने के बावजूद उन्होंने अपना काम पूरा किया।
सीमा पर भारत का दबदबा कायम
डिप्टी कमांडेंट रवींद्र राठौर की टीम ने भारी गोलीबारी के बीच एक घायल साथी की जान बचाई। सहायक कमांडेंट आलोक नेगी ने 48 घंटे तक लगातार मोर्टार फायर कर पाकिस्तानी ठिकानों को निशाना बनाया।
BSF ने कहा कि ये पदक राष्ट्र के विश्वास का प्रतीक हैं। सीमा सुरक्षा बल भारत-पाकिस्तान की 2,290 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करता है। सरकार ने अन्य सुरक्षा बलों के 162 कर्मियों को भी वीरता पदक दिए हैं।
