Uttarakhand News: उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के दौरान शुरू हुए ऑपरेशन कालनेमि के तहत पुलिस ने फर्जी साधुओं के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। देहरादून, हरिद्वार और उधमसिंह नगर में अब तक 127 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जो साधु बनकर लोगों को ठग रहे थे। पुलिस की टीमें विभिन्न स्थानों पर सत्यापन अभियान चला रही हैं। यह कार्रवाई श्रद्धालुओं की सुरक्षा और धार्मिक भावनाओं की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
देहरादून में 61 ढोंगी बाबा गिरफ्तार
देहरादून में पिछले दो दिनों में 61 फर्जी साधुओं को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 17 लोग ऋषिकेश से पकड़े गए। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि शनिवार को 23 और शुक्रवार को 38 लोगों को हिरासत में लिया गया। ये लोग बिना धार्मिक ज्ञान के साधु बनकर महिलाओं और बुजुर्गों को डराकर ठगी कर रहे थे। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए इनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई की।
बांग्लादेशी नागरिक भी पुलिस की गिरफ्त में
सहसपुर क्षेत्र में एक बांग्लादेशी नागरिक रकम को गिरफ्तार किया गया, जो साधु का भेष धारण कर ठगी कर रहा था। पूछताछ में उसने बताया कि वह ढाका के पास टांगाइल का रहने वाला है और छह-सात महीने पहले चोरी-छिपे देहरादून पहुंचा था। सहसपुर थाना पुलिस ने गहन जांच के बाद उसे हिरासत में लिया। यह गिरफ्तारी ऑपरेशन कालनेमि की प्रभावशीलता को दर्शाती है।
उधमसिंह नगर में 66 संदिग्ध हिरासत में
उधमसिंह नगर जिले में पुलिस ने 66 फर्जी साधुओं और पीर-फकीरों को हिरासत में लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा ने बताया कि ये लोग आपराधिक गतिविधियों में शामिल थे। वे लोगों का मानसिक, शारीरिक और वित्तीय शोषण कर रहे थे। पुलिस ने संदिग्धों की पहचान के लिए सत्यापन अभियान तेज कर दिया है। यह कदम क्षेत्र में श्रद्धालुओं के विश्वास को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
कांवड़ यात्रा के दौरान बढ़ी सतर्कता
कांवड़ यात्रा और चारधाम यात्रा के दौरान फर्जी साधुओं की गतिविधियां बढ़ गई हैं। मुख्यमंत्री पोर्टल पर मिली शिकायतों के आधार पर पुलिस ने ऑपरेशन कालनेमि शुरू किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि ऐसे लोग श्रद्धालुओं को डराकर या दबाव डालकर ठगी कर रहे हैं। पुलिस ने सत्यापन के लिए विशेष टीमें गठित की हैं, जो संदिग्धों पर नजर रख रही हैं।
