National News: भारत सरकार ने लोकसभा में “ऑनलाइन गेमिंग (प्रमोशन एंड रेग्युलेशन) बिल 2025” पारित किया है। इसका उद्देश्य रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर सख्त नियंत्रण लगाना है। यह बिल तेजी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को प्रभावित करेगा और कई लोकप्रिय ऐप्स पर प्रतिबंध लगा सकता है।
प्रमुख प्रभावित गेमिंग प्लेटफॉर्म्स
इस बिल के लागू होने से कई प्रमुख फैंटेसी स्पोर्ट्स और ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स प्रभावित होंगे। ड्रीम11, भारत का सबसे बड़ा फैंटेसी क्रिकेट प्लेटफॉर्म, सीधे तौर पर प्रभावित होगा। इसी तरह मायटीम11 और माय11सर्कल जैसे प्लेटफॉर्म भी प्रतिबंध की जद में आ सकते हैं। रमी सर्कल और रमी कल्चर जैसे कार्ड गेम प्लेटफॉर्म्स भी प्रभावित होंगे।
आर्थिक प्रभाव और रोजगार पर असर
भारत का रियल-मनी ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर लगभग 3.7 अरब डॉलर का है। यह पूरे ऑनलाइन गेमिंग उद्योग का 86% हिस्सा represents करता है। इस क्षेत्र में लगभग दो लाख लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कार्यरत हैं। सरकार को इससे प्रतिवर्ष 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर राजस्व प्राप्त होता है।
निवेशकों और कंपनियों की प्रतिक्रिया
फैंटेसी स्पोर्ट्स और कार्ड गेम कंपनियां स्पष्ट नियमन की मांग कर रही थीं। नाजारा टेक्नोलॉजीज जैसी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में पहले ही 7% की गिरावट दर्ज की गई है। कंपनियों का तर्क है कि कौशल आधारित खेलों को जुए की श्रेणी में रखना पूरे उद्योग के भविष्य के लिए खतरनाक होगा।
संभावित प्रतिबंध की सूची
जंगली रमी और जंगली पोकर जैसे कार्ड गेम प्लेटफॉर्म प्रतिबंधित हो सकते हैं। पोकरबाजी जैसे ऑनलाइन पोकर टूर्नामेंट प्लेटफॉर्म भी प्रभावित होंगे। विंजो जैसे मल्टी-गेम ऐप्स जहां वास्तविक पैसे से खेला जाता है, प्रतिबंध की जद में आ सकते हैं। हाउजैट और एसजी11 फैंटेसी जैसे फैंटेसी क्रिकेट ऐप्स भी प्रभावित होंगे।
