New Delhi News: शेयर बाजार में ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। साल 2025 कंपनी के निवेशकों के लिए किसी बुरे सपने जैसा रहा है। शेयरों में आईपीओ प्राइस से भारी गिरावट आ चुकी है। हालांकि, शुक्रवार को थोड़ी राहत मिली और शेयर ऊपर चढ़े। लेकिन अब एक सुसाइड नोट की फॉरेंसिक रिपोर्ट ने खलबली मचा दी है। इस नए खुलासे से ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों पर फिर से खतरा मंडरा रहा है।
शुक्रवार को क्यों आई तेजी?
शुक्रवार को ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में अचानक 10 फीसदी का उछाल आया। शेयर का भाव बढ़कर 34.40 रुपये पर पहुंच गया। इस तेजी की वजह कंपनी के सीईओ भाविश अग्रवाल का एक फैसला था। उन्होंने अपना कर्ज चुकाने के लिए कंपनी में अपनी हिस्सेदारी का एक छोटा हिस्सा बेचा है। भाविश अग्रवाल ने करीब 260 करोड़ रुपये का पर्सनल लोन चुका दिया है। इससे प्रमोटर के गिरवी रखे शेयर अब फ्री हो जाएंगे।
लगातार गिर रहा था भाव
शुक्रवार की तेजी से पहले ओला इलेक्ट्रिक के शेयर लगातार टूट रहे थे। पिछले तीन कारोबारी सत्रों में शेयर 16 फीसदी तक गिर चुका था। इसकी मुख्य वजह भाविश अग्रवाल द्वारा शेयरों की भारी बिकवाली थी। उन्होंने करीब 9.6 करोड़ शेयर बेचे, जो कंपनी में 2.2 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। इस डील से उन्हें 324.45 करोड़ रुपये मिले। इसी पैसे का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में किया गया है।
सुसाइड नोट से बढ़ा सस्पेंस
निवेशक अभी राहत की सांस ले ही रहे थे कि एक बुरी खबर आ गई। ओला इलेक्ट्रिक के इंजीनियर के. अरविंद की मौत के मामले में फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट आ गई है। जांच में पुष्टि हुई है कि सुसाइड नोट पर मिले फिंगरप्रिंट अरविंद के ही हैं। 28 पेज के इस नोट में काम के बोझ और उत्पीड़न का जिक्र था। इसमें सीईओ भाविश अग्रवाल का नाम भी शामिल है। इस खुलासे के बाद ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों पर फिर से बिकवाली का दबाव बन सकता है।
