Odisha News: राज्य में बच्चों के लापता होने के मामले डरा रहे हैं. पिछले सात सालों में 25,438 बच्चे गायब हो चुके हैं. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें 90 फीसदी लड़कियां हैं. पुलिस और प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी यह आंकड़ा कम नहीं हो रहा है. Odisha News में यह मुद्दा अब गंभीर चिंता का विषय बन गया है.
मानव तस्करी का बड़ा जाल
सूत्रों के मुताबिक लापता लड़कियों को मानव तस्करी का शिकार बनाया जा रहा है. तस्कर इन्हें पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश ले जाते हैं. कर्नाटक तक यह नेटवर्क फैला हुआ है. प्रशासनिक सख्ती के बावजूद यह गिरोह लगातार सक्रिय है. Odisha News की रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह नेटवर्क लड़कियों को निशाना बना रहा है.
7 हजार बच्चों का कोई सुराग नहीं
साल 2023 में ही 5,928 बच्चे लापता होने की खबर सामने आई थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 7,272 बच्चों का कोई पता नहीं चला है. इनमें 6,497 नाबालिग लड़कियां शामिल हैं. Odisha News में हर दिन लापता होने की घटनाएं बढ़ रही हैं. पुलिस लागातार इन बच्चों को खोजने का प्रयास कर रही है.
इन जिलों में हालात सबसे खराब
आंकड़ों पर नजर डालें तो कटक, ढेंकानाल, गंजाम और जाजपुर की स्थिति सबसे खराब है. यहां से सबसे ज्यादा बच्चे गायब हुए हैं. साल 2022 में 4,757 बच्चे लापता हुए थे. इनमें 4,250 लड़कियां थीं. वहीं 2021 में यह संख्या 4,133 थी. Odisha News के तहत यह ट्रेंड प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है.
ऑपरेशन स्माइल भी रहा बेअसर
मानव तस्करी रोकने के लिए 36 पुलिस जिलों में स्पेशल यूनिट काम कर रही है. क्राइम ब्रांच ने ऑपरेशन स्माइल, मुस्कान और परी जैसी योजनाएं चलाईं. इसके बाद भी नाबालिग बच्चियों का गायब होना जारी है. विशेषज्ञ सीमावर्ती इलाकों में सख्त निगरानी की सलाह दे रहे हैं. Odisha News में इस समस्या का समाधान खोजना अब जरूरी हो गया है.
