Himachal News: आम आदमी पार्टी के हमीरपुर जिला सोशल मीडिया इंचार्ज जगत राम ने 6 अगस्त, 2025 को बीपीएल सर्वे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार के मानक गरीबों के साथ अन्याय करते हैं। कई जरूरतमंद परिवार सूची से बाहर हो रहे हैं। इससे आयुष्मान कार्ड और शगुन योजना का लाभ नहीं मिलेगा। जगत राम ने मानकों में बदलाव की मांग की। यह सरकार की गरीब विरोधी सोच दिखाता है।
बीपीएल सर्वे के मानकों पर सवाल
जगत राम ने बीपीएल सर्वे के मानकों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि ये मानक गरीबों को नजरअंदाज करते हैं। कई परिवार सरकारी योजनाओं से वंचित हो रहे हैं। शिक्षा और नौकरी में छूट नहीं मिलेगी। आयुष्मान कार्ड का लाभ भी रुकेगा। यह हिमाचल सरकार की नीति का खामियाजा है। जगत राम ने इसे गरीब विरोधी बताया। उन्होंने तुरंत सुधार की मांग की।
गरीब परिवारों पर असर
सर्वे के कारण गरीब परिवार प्रभावित हो रहे हैं। बच्चों को सरकारी स्कूलों में सुविधाएं नहीं मिलेंगी। नौकरियों में आरक्षण का लाभ रुकेगा। आयुष्मान कार्ड से मुफ्त इलाज नहीं हो पाएगा। शगुन योजना का लाभ भी सीमित होगा। जगत राम ने कहा कि यह गरीबों के साथ मजाक है। सरकार को जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। मानकों में बदलाव से लाभ पहुंचेगा।
सरकार से पुनर्विचार की मांग
जगत राम ने सरकार से मानकों पर पुनर्विचार करने को कहा। उन्होंने जरूरतमंद परिवारों को ध्यान में रखने की अपील की। मौजूदा मानक कई परिवारों को बाहर कर रहे हैं। इससे सामाजिक असमानता बढ़ेगी। AAP ने सरकार की नीति को गरीब विरोधी बताया। जगत राम ने कहा कि बदलाव से योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचेगा। सरकार को तुरंत कदम उठाना चाहिए।
हिमाचल में बीपीएल सर्वे की स्थिति
हिमाचल में बीपीएल सर्वे चल रहा है। सरकार ने नए मानक लागू किए हैं। इनमें आय और संपत्ति के आधार पर चयन होता है। लेकिन कई गरीब परिवार इससे बाहर हो रहे हैं। 2021 की जनगणना के अनुसार, हिमाचल में 25% परिवार गरीबी रेखा के नीचे हैं। फिर भी सर्वे में कम लोग शामिल हो रहे हैं। यह सरकार की नीति पर सवाल उठाता है।
योजनाओं का लाभ नहीं मिलना
बीपीएल सूची से बाहर होने से कई योजनाएं प्रभावित होंगी। आयुष्मान भारत योजना में 5 लाख का मुफ्त इलाज मिलता है। शगुन योजना में बेटियों की शादी के लिए सहायता दी जाती है। शिक्षा में मुफ्त किताबें और स्कॉलरशिप मिलती हैं। नौकरियों में आरक्षण का लाभ भी है। लेकिन गलत मानकों से यह लाभ रुक रहा है। गरीब परिवारों में निराशा बढ़ रही है।
AAP की रणनीति और आलोचना
AAP ने बीपीएल सर्वे को लेकर सरकार पर हमला बोला। जगत राम ने इसे जनविरोधी नीति बताया। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों की अनदेखी कर रही है। AAP ने इसे चुनावी मुद्दा बनाने का संकेत दिया। पार्टी कार्यकर्ता गांवों में जागरूकता फैलाएंगे। जगत राम ने कहा कि गरीबों का हक छीना जा रहा है। सरकार को जवाब देना होगा।
हिमाचल में गरीबी की स्थिति
हिमाचल में गरीबी एक बड़ी समस्या है। ग्रामीण क्षेत्रों में 30% लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं। बीपीएल सर्वे से इनकी मदद होनी चाहिए। लेकिन मौजूदा मानक सख्त हैं। इससे कई परिवार बाहर हो रहे हैं। 2023 में सरकार ने 1.5 लाख परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल किया। लेकिन नए सर्वे में यह संख्या घट सकती है। यह गरीबों के लिए चिंता का विषय है।
जनता की प्रतिक्रिया और मांग
हमीरपुर में लोग सर्वे के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। कई परिवारों ने मानकों को अनुचित बताया। स्थानीय संगठनों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी। लोगों ने कहा कि सरकार को गरीबों की सुननी चाहिए। बीपीएल सूची में सभी जरूरतमंदों को शामिल करें। आयुष्मान और शगुन जैसी योजनाओं का लाभ जरूरी है। जगत राम ने जनता के समर्थन की बात कही।
