शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

एनपीपीए: 34 आवश्यक दवाओं की नई कीमतें तत्काल प्रभाव से लागू, ऊपर कीमत वसूलने पर होगी कार्रवाई

Share

India News: राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने 34 आवश्यक और जीवनरक्षक दवाओं की खुदरा कीमतों में संशोधन कर नई दरें निर्धारित कर दी हैं। यह संशोधन औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 के तहत किया गया है। एनपीपीए द्वारा जारी दो अलग-अलग अधिसूचनाओं के अनुसार ये संशोधित मूल्य तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। निर्धारित सीमा से अधिक कीमत वसूलना गैरकानूनी माना जाएगा।

इन नई दरों का उद्देश्य जनता को महत्वपूर्ण दवाएं सस्ती और सुलभ कीमतों पर उपलब्ध कराना है। संशोधित कीमतें विभिन्न बीमारियों के इलाज में उपयोग होने वाली दवाओं पर लागू होंगी। इनमें संक्रमण, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, सूजन और एलर्जी जैसी स्थितियों के उपचार की दवाएं शामिल हैं। इस कदम से मरीजों पर दवाओं का आर्थिक बोझ कम होने की उम्मीद है।

इन महत्वपूर्ण दवाओं की बदली कीमत

जिन दवाओं की कीमतों में संशोधन किया गया है, उनमें एमोक्सिसिलिन और क्लैवुलानिक एसिड इंजेक्शन शामिल हैं। एसेफ्ट्रियाक्सोन और टेजोबैक्टम टैबलेट भी इस सूची में हैं। एमोक्सिसिलिन, क्लैवुलानिक एसिड और बेटामेथासोन इंजेक्शन की नई कीमत तय की गई है। एलिनेजोलिड और बेटामेथासोन इंजेक्शन भी संशोधित सूची का हिस्सा हैं।

एमेटोप्रोलोल टार्ट्रेट टैबलेट की कीमत में भी बदलाव किया गया है। एमिकासिन सल्फेट इंजेक्शन की नई दर निर्धारित की गई है। मेथाइलप्रेडनिसोलोन सोडियम सक्सिनेट इंजेक्शन भी शामिल है। सेफ्टिजोक्सिम और टेजोबैक्टम इंजेक्शन सहित अन्य दवाएं भी इस आदेश के दायरे में आती हैं।

यह भी पढ़ें:  रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव: सीमेंट ढुलाई की दर घटाकर 90 पैसे प्रति टन-किमी, घर बनाना होगा सस्ता

थायामिन और सायनोकोबालामिन इंजेक्शन की कीमतों में संशोधन हुआ है। अमोक्सिसिलिन-पोटेशियम क्लैवुलानेट टैबलेट की नई दर लागू होगी। ट्रायमसिनोलोन और हाइड्रोकॉर्टिसोन इंजेक्शन भी सूची में हैं। राइबोफ्लेविन की कीमत में बदलाव किया गया है। ह्यूमन नॉर्मल इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन सहित कई अन्य आवश्यक दवाएं संशोधित सूची में सम्मिलित हैं।

क्या है एनपीपीए और इसकी भूमिका

राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) भारत सरकार की एक नियामक संस्था है। यह देश में फार्मास्यूटिकल दवाओं की कीमतों को नियंत्रित करती है . एनपीपीए की स्थापना 29 अगस्त 1997 को की गई थी . इसका उद्देश्य दवाओं की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करना है . यह दवाओं की कीमतें तय करके जनता को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने का काम करती है।

एनपीपीए का मुख्य कार्य औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश के प्रावधानों को लागू करना है . यह दवाओं की उपलब्धता की निगरानी करती है और कमी की पहचान कर सुधारात्मक कदम उठाती है . दवाओं के उत्पादन, निर्यात और बाजार हिस्सेदारी पर डेटा एकत्र करना भी इसके कार्यों में शामिल है . एनपीपीए केंद्र सरकार को दवा नीति में बदलाव पर सलाह भी देती है .

दवा मूल्य निर्धारण का कानूनी आधार

औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया है। यह आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3 के तहत प्राप्त शक्तियों के अनुरूप है . इस आदेश का उद्देश्य राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण नीति, 2012 के प्रावधानों को लागू करना है . यह उचित कीमतों पर आवश्यक, जीवनरक्षक दवाओं और अच्छी गुणवत्ता वाली दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करता है .

यह भी पढ़ें:  किडनी रोग के लक्षण: ये 4 संकेत न करें नजरअंदाज, हो सकता है खतरनाक

डीपीसीओ 2013 गुणवत्तापूर्ण दवाओं की लागत प्रभावी उत्पादन और वितरण को प्रोत्साहित करता है . यह लागत प्रभावी तरीके से दवाओं के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देता है . यह भारतीय फार्मास्यूटिकल उद्योग को नवीन और प्रतिस्पर्धी अंतरराष्ट्रीय आर्थिक माहौल में विकसित होने में सक्षम बनाता है . इस आदेश के तहत राष्ट्रीय आवश्यक दवा सूची में शामिल दवाओं की कीमतों पर नियंत्रण रहता है।

नियम तोड़ने वालों पर होगी कार्रवाई

एनपीपीए ने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि कोई कंपनी इन निर्धारित कीमतों से अधिक दर पर दवा बेचती है, तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 और डीपीसीओ 2013 के तहत की जाएगी। इसका उद्देश्य दवा कंपनियों और वितरकों पर नजर रखना है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।

यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सभी हितधारक नई कीमतों का पालन करें। दवा विक्रेताओं को अपनी दवाओं की कीमतें तुरंत अपडेट करनी होंगी। उपभोक्ताओं को भी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए। यदि कोई दुकानदार निर्धारित एमआरपी से अधिक कीमत वसूलता है, तो इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से की जा सकती है। इससे दवा बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी।

Read more

Related News