Mumbai News: अब आप फोन पर बोलकर भी पेमेंट कर सकते हैं और वह भी यूपीआई (UPI) पर। आपको रेस्तरां का बिल चुकाना हो, किसी को पैसे भेजने हों या यूटिलिटी बिल सेटल करने हों, बस हैलो यूपीआई कहें और बातचीत के जरिए पेमेंट पूरा करें। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बुधवार को लोकप्रिय पेमेंट प्लेटफॉर्म यूपीआई पर नए पेमेंट ऑप्शन लॉन्च किए। इनमें बोलकर भुगतान करने की सेवा भी शामिल है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट’ में एनपीसीआई के प्रॉडक्ट लॉन्च किए। इनमें हेलो यूपीआई भी शामिल है। इसमें ऐप, फोन कॉल और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) उपकरणों के माध्यम से हिंदी और अंग्रेजी में आवाज से यूपीआई भुगतान किया जा सकता है।
इसका मकसद यूजर्स की पहुंच डिजिटल पेमेंट तक बढ़ाना है। अभी इस पेमेंट की लिमिट 100 रुपये रखी गई है। जिन बैंक में आपका रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दर्ज है, उसी नंबर से लिस्ट में दिए गए अलग-अलग बैंकों में से किसी को भी कॉल करें और अपने बैंक का नाम बताएं। आप बोलने की भाषा का चुनाव हिंदी में भी कर सकते हैं। उसके बाद उसका नाम बताएं, जिसे आप पेमेंट करना चाहते हैं। ट्रांजैक्शन का टाइप सेलेक्ट करें और यूपीआई पिन से इसे पूरा कर दें।
भारत बिलपे कनेक्ट
एनपीसीआई ने भारत बिलपे कनेक्ट भी लॉन्च किया। इसका मकसद बातचीत के जरिए आसानी से बिल भुगतान करना है। इसी तरह छोटे दुकानदारों के लिए यूपीआई टैप एंड पे सिस्टम को भी लॉन्च किया गया है। एक ऐसी नियर फील्ड कम्युनिकेशन चिप होता है जो यूजर्स के यूनीक क्यूआर कोड और यूपीआई आईडी से जुड़ी होती है। इस कार्ड या चिप को यूजर अपने नजदीकी बैंक से ले सकेंगे। जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है वे भी इसे लेकर अपने फोन के पीछे लगा सकते हैं और पेमेंट का लेनदेन कर सकेंगे। अगर मर्चेंट के पास स्मार्टफोन नहीं तो भी पैसा उसके अकाउंट में आ जाएगा।
इस कार्ड के कई डिजाइन हैं। एक बार यूजर कोई कार्ड डिजाइन चुन लेता है तो वह अपने क्यूआर कोड को स्कैन कर सकता है। फिर यूपीआई आईडी वेरिफाइड हो जाती है और कार्ड से लिंक हो जाती है। इसका बाद कार्ड तुरंत बाहर आ जाता है। टैप आधारित पेमेंट के लिए इसे मोबाइल फोन से चिपकाया जा सकता है। एनपीसीआई ने कहा कि यूपीआई पर क्रेडिट लाइन सुविधा से ग्राहक को इसके माध्यम से बैंकों से पूर्व-स्वीकृत कर्ज लेने की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा, उपभोक्ता एक अन्य उत्पाद ‘लाइट एक्स’ का उपयोग कर रुपये का लेनदेन ऑफलाइन भी कर सकेगा