International News: वर्ष 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की प्रमुख विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को प्रदान किया गया है। नोबेल समिति ने उन्हें लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए उनके निरंतर संघर्ष के लिए चुना है। मचाडो को उनके नैतिक साहस और अडिग नेतृत्व के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया जा रहा है।
मारिया कोरिना मचाडो वेनेजुएला में लोकतांत्रिक मूल्यों की प्रबल पक्षधर रही हैं। उन्हें वेनेजुएला की आयरन लेडी के नाम से भी जाना जाता है। इस पुरस्कार के साथ उन्हें एक स्वर्ण पदक और लगभग आठ करोड़ रुपये की नकद राशि प्राप्त होगी।
शिक्षा और राजनीतिक सफर
मारिया कोरिना मचाडो का जन्म सात अक्टूबर 1967 को कराकास में हुआ था। उन्होंने एंड्रस बेलो कैथोलिक यूनिवर्सिटी से औद्योगिक इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने इंस्टीट्यूट डी एस्टुडिओस सुपीरियर डी एडमिनिस्ट्रेशन से फाइनेंस में स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल की।
वर्ष 2002 में उन्होंने स्मेट नामक एक संस्था की स्थापना की। यह संस्था चुनाव निगरानी और नागरिक अधिकारों के क्षेत्र में कार्य करती है। बाद में उन्होंने वेंटे वेनेजुएला नामक राजनीतिक पार्टी का गठन किया। इसके माध्यम से वे देश में परिवर्तन की मुखर आवाज बनकर उभरीं।
सत्ता के खिलाफ संघर्ष
मचाडो ने पूर्व राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज और वर्तमान नेता निकोलस मादुरो की सरकारों का खुलकर विरोध किया है। उन्होंने लगातार सत्ता की तानाशाही प्रवृत्तियों के विरुद्ध आवाज उठाई है। इस दौरान उन्हें कई बार धमकियों और गिरफ्तारियों का सामना करना पड़ा।
उनके राजनीतिक संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। नोबेल समिति ने उनके प्रयासों को वैश्विक लोकतंत्र आंदोलन के लिए प्रेरणादायी बताया है। उनका संघर्ष केवल वेनेजुएला तक सीमित नहीं रहा है।
पुरस्कार का महत्व
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता को 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनor की राशि प्राप्त होती है। यह राशि भारतीय मुद्रा में लगभग आठ करोड़ रुपये के बराबर है। इसके साथ ही विजेता को अल्फ्रेड नोबेल की छवि वाला एक स्वर्ण पदक भी प्रदान किया जाता है।
पुरस्कार की घोषणा नोर्वे की नोबेल समिति द्वारा की गई है। समिति ने मचाडो के संघर्ष को वैश्विक लोकतंत्र आंदोलन के लिए महत्वपूर्ण बताया है। यह पुरस्कार उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए कार्य कर रहे हैं।
व्यक्तिगत पृष्ठभूमि
मारिया कोरिना मचाडो के पिता हेनरिक मचाडो एक उद्योगपति थे। उनकी मां कोरिना पेरिस्का एक मनोवैज्ञानिक थीं। बचपन से ही मारिया में नेतृत्व के गुण विद्यमान थे। उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद राजनीति में प्रवेश करने का निर्णय लिया।
उनका मानना था कि वेनेजुएला की बिगड़ती स्थिति में सुधार लाना उनका दायित्व है। उन्होंने एक सफल पेशेवर कैरियर की संभावनाओं को त्यागकर राजनीति का मार्ग चुना। यह निर्णय उनके देश प्रेम और सामाजिक चेतना को दर्शाता है।
राजनीतिक विचारधारा
मचाडो की राजनीतिक विचारधारा लोकतांत्रिक मूल्यों और मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था पर केंद्रित है। उन्होंने हमेशा सत्ता में पारदर्शिता और जवाबदेही की वकालत की है। उनका मानना है कि मजबूत संस्थान ही किसी देश की सफलता की कुंजी हैं।
उनकी पार्टी वेंटे वेनेजुएला ने आर्थिक सुधार और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने का कार्यसूची प्रस्तुत किया है। उनके समर्थक उन्हें देश में बदलाव की उम्मीद की किरण मानते हैं। उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने मचाडो को बधाई संदेश भेजे हैं। कई विश्व नेताओं ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने मचाडो के संघर्ष और साहस की सराहना की है।
वेनेजुएला की वर्तमान सरकार ने अभी तक इस घोषणा पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने इस निर्णय का समर्थन किया है। उनका मानना है कि यह पुरस्कार लोकतंत्र के लिए संघर्षरत सभी लोगों के लिए एक संदेश है।
