Himachal News: हिमाचल सरकार ने शिक्षा नियमों में संशोधन कर नो डिटेंशन पॉलिसी खत्म कर दी। अब 5वीं और 8वीं कक्षा के विद्यार्थी फेल होने पर अगली कक्षा में नहीं जाएंगे। न्यूनतम अंक लाना अनिवार्य होगा। असफल विद्यार्थियों को दोबारा परीक्षा देनी होगी। यह नियम राजपत्र में प्रकाशित हो चुका है। केंद्र के निर्देश पर यह बदलाव किया गया।
दोबारा परीक्षा में फेल होने पर रोक
नए नियम के तहत 5वीं और 8वीं कक्षा के विद्यार्थी, जो वार्षिक परीक्षा में असफल होंगे, उन्हें दोबारा परीक्षा देनी होगी। यदि वे इसमें भी पास नहीं हुए, तो अगली कक्षा में प्रमोशन नहीं मिलेगा। शिक्षा विभाग ने इसे गुणवत्ता सुधार के लिए जरूरी बताया। केंद्र ने राज्यों को इस नीति में बदलाव की अनुमति दी थी। हिमाचल ने इसे लागू किया।
762 विद्यार्थी इस बार फेल
पिछले साल लिए गए निर्णय के आधार पर ग्रीष्मकालीन स्कूलों में यह शिक्षा नीति लागू की गई। इस साल 762 विद्यार्थी फेल हुए, जिनमें 5वीं के 183 और 8वीं के 579 शामिल हैं। ये विद्यार्थी दोबारा परीक्षा में भी पास नहीं हुए। इसे राजपत्र में अब औपचारिक रूप से प्रकाशित किया गया। नई नीति से बोर्ड परीक्षा परिणाम बेहतर होंगे।
शीतकालीन स्कूलों में दिसंबर से लागू
शीतकालीन स्कूलों में यह नई शिक्षा व्यवस्था दिसंबर 2025 से लागू होगी। हिमाचल ने नो डिटेंशन पॉलिसी का विरोध किया था, क्योंकि इससे 10वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम प्रभावित हो रहे थे। अधिकारियों का कहना है कि नई नीति से एक-दो साल में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। यह कदम विद्यार्थियों के भविष्य को मजबूत करेगा।
