रविवार, दिसम्बर 21, 2025

नितिन नबीन: भाजपा का नया राष्ट्रीय चेहरा, अब राज्यसभा जाने की चर्चा

Share

Political News: भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन अब राज्यसभा जा सकते हैं। पार्टी नेतृत्व के इस फैसले को एक बड़ी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। बिहार विधानसभा सदस्यता छोड़कर वे उच्च सदन के सदस्य बन सकते हैं। यह कदम आगामी राज्यसभा चुनावों से जुड़ा हुआ है।

नबीन ने हाल ही में बिहार कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अब विधानसभा से इस्तीफे की चर्चा तेज है। उन्हें पार्टी का स्थायी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है। यह सभी निर्णय प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह की मंजूरी से होंगे।

राज्यसभा चुनावों से जुड़ा है गणित

अप्रैल 2026 में बिहार से पांच राज्यसभा सीटें खाली होंगी। इनमें राजद और जदयू के सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। एक सीट जीतने के लिए इकतालीस विधायकों के वोट चाहिए। भाजपा के पास नब्बे विधायक हैं इसलिए वह आसानी से सीट जीत सकती है।

भाजपा अपने उम्मीदवार को राज्यसभा भेज सकती है। नितिन नबीन का नाम इसके लिए प्रमुखता से लिया जा रहा है। पार्टी नेतृत्व युवा चेहरों को राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म देना चाहता है। नबीन की नियुक्ति इसी दिशा में एक कदम है।

विधायक पद से इस्तीफे की संभावना

पार्टी सूत्रों के अनुसार नबीन का अगला कदम विधानसभा से इस्तीफा हो सकता है। इससे उनका केंद्र पटना से दिल्ली हो जाएगा। एक राष्ट्रीय पद पर बैठे नेता का विधायक बने रहना उचित नहीं माना जाता। इसलिए यह प्रक्रिया तार्किक लगती है।

यह भी पढ़ें:  महर्षि पतंजलि के नाम पर कर रहे हैं धंधा, बाबा रामदेव पर बृजभूषण शरण सिंह का विवादित बयान

भाजपा की परंपरा के अनुसार शीर्ष पदों पर बैठे नेता संसद सदस्य होते हैं। नितिन गडकरी और अमित शाह ने भी यही रास्ता अपनाया था। नबीन के मामले में भी इसी पद्धति का पालन किया जा रहा है। इससे उनकी राष्ट्रीय हैसियत मजबूत होगी।

राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ

फरवरी 2025 में भाजपा का राष्ट्रीय अधिवेशन हो सकता है। इस अधिवेशन में नबीन को स्थायी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। कार्यकारी अध्यक्ष का पद एक तरह का परीक्षण काल है। पार्टी उनके काम का मूल्यांकन कर रही है।

वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि नबीन पहले संगठन को मजबूत करेंगे। वे नितिन गडकरी और अमित शाह के मार्ग पर चल सकते हैं। इसलिए वे अभी विधानसभा सदस्य बने रह सकते हैं। राज्यसभा जाने का निर्णय अभी स्थगित है।

मोदी-शाह की नजर में कैसे आए नबीन

पिछले कुछ वर्षों में नबीन नेतृत्व की नजर में आए। बिहार चुनाव के दौरान अमित शाह उनके घर गए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनसे अलग से बातचीत की थी। बड़े आयोजनों की जिम्मेदारी भी उन्हें दी गई।

नबीन की छवि एक युवा और जमीन से जुड़े नेता की है। वह विवादों से दूर रहते हैं। संगठनात्मक कौशल उनकी मुख्य ताकत है। पार्टी नेतृत्व ने इन्हीं गुणों को पहचाना है।

यह भी पढ़ें:  मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली रवाना, कांग्रेस संगठन के गठन को लेकर हाईकमान से करेंगे मुलाकात

युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाने की रणनीति

भाजपा कई वरिष्ठ नेताओं के होते हुए भी नबीन को चुना। यह युवा पीढ़ी को आगे लाने की सोच दिखाता है। पैंतालीस वर्षीय नबीन पार्टी के भविष्य का चेहरा बन सकते हैं। उन्हें दीर्घकालिक भूमिका के लिए तैयार किया जा रहा है।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह एक सोचा-समझा कदम है। पार्टी संगठन में नए परिवर्तन की शुरुआत हो सकती है। नबीन को केंद्र सरकार में भी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। इसलिए उन पर सबकी नजर टिकी हुई है।

बिहार की राजनीति में बदलाव का संकेत

नबीन का राष्ट्रीय स्तर पर उठना बिहार की राजनीति को प्रभावित करेगा। राज्य में भाजपा का एक नया चेहरा उभर रहा है। इससे पार्टी की स्थानीय रणनीति भी बदल सकती है। अन्य युवा नेताओं के लिए भी रास्ता खुलेगा।

पार्टी के भीतर इस नियुक्ति को सकारात्मक रूप से लिया जा रहा है। सभी नेता नबीन के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं। आने वाले समय में और भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। भाजपा एक नए युग में प्रवेश कर रही है।

Read more

Related News