शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

नितिन गडकरी का बड़ा ऐलान: 80 किमी/घंटा की रफ्तार से क्रॉस करें टोल, 2026 तक खत्म होगा प्लाजा पर रुकने का झंझट

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National News: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक बड़ी घोषणा की है। सरकार 2026 के अंत तक सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा का झंझट खत्म कर देगी। ड्राइवरों को अब टोल पर रुकना नहीं पड़ेगा। वे 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से टोल प्लाजा को पार कर सकेंगे।

यह सुविधा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से संभव होगी। नई प्रणाली में वाहन की नंबर प्लेट पहचानी जाएगी। टोल शुल्क स्वचालित रूप से काटा जाएगा। इससे यात्रियों का कीमती समय बचेगा और ईंधन की भी बचत होगी।

टोल प्लाजा पर होगी जीरो वेटिंग टाइम

नितिन गडकरीके मुताबिक नई तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह होगा। टोल प्लाजा पर इंतजार का समय शून्य हो जाएगा। फास्टैग ने प्रतीक्षा समय को पहले ही कम कर दिया था। पहले तीन से दस मिनट का इंतजार करना पड़ता था।

फास्टैग आने के बाद यह समय घटकर साठ सेकंड रह गया था। अब सरकार का लक्ष्य इस प्रतीक्षा समय को पूरी तरह समाप्त करना है। ड्राइवर बिना रुके अपनी यात्रा जारी रख सकेंगे। इससे यातायात प्रवाह भी बेहतर होगा।

सरकार और आम लोगों को होगा फायदा

इस नई व्यवस्थासे सरकार और जनता दोनों को लाभ मिलेगा। टोल चोरी रुकने से सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी। अनुमान है कि सरकार की आय में छह हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। फास्टैग से पहले ही राजस्व बढ़ चुका है।

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वाहनों के बार-बार रुकने और चलने से ईंधन की खपत बढ़ती है। नई प्रणाली लागू होने पर पंद्रह सौ करोड़ रुपये के ईंधन की बचत होगी। यह पर्यावरण के लिए भी अच्छा होगा। प्रदूषण में कमी आएगी।

एआई तकनीक से कैसे काम करेगा नया सिस्टम

यह नई प्रणालीनंबर प्लेट पहचान तकनीक पर आधारित होगी। टोल क्षेत्र में उच्च तकनीक वाले कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे गुजरने वाले वाहन की नंबर प्लेट की तस्वीर लेंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तुरंत नंबर प्लेट को पहचान लेगा।

सिस्टम नंबर प्लेट से जुड़े फास्टैग की जानकारी प्राप्त करेगा। इसके बाद स्वचालित रूप से संबंधित बैंक खाते से टोल शुल्क काट लिया जाएगा। पूरी प्रक्रिया कुछ ही सेकंड में पूरी हो जाएगी। ड्राइवर को कुछ करने की जरूरत नहीं होगी।

पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था

नितिन गडकरीने कहा कि सरकार पारदर्शी व्यवस्था बनाना चाहती है। नई प्रणाली भ्रष्टाचार मुक्त होगी। मानवीय हस्तक्षेप की गुंजाइश बिल्कुल नहीं रहेगी। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और सभी को समान व्यवहार मिलेगा।

सरकार का लक्ष्य वर्ष 2026 तक इस कार्य को पूर्ण रूप से पूरा करना है। इसके लिए आवश्यक तकनीकी बुनियादी ढांचा तैयार किया जा रहा है। परीक्षण और क्रियान्वयन की प्रक्रिया चल रही है। समयसीमा का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

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किन सड़कों पर लागू होगी नई व्यवस्था

यह एआई आधारित टोल प्रणालीकेवल राष्ट्रीय राजमार्गों पर लागू होगी। राज्य राजमार्गों या शहरी सड़कों पर इसे अभी लागू नहीं किया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग देश की मुख्य सड़कें हैं। यहां यातायात का दबाव सबसे अधिक होता है।

सरकार भविष्य में उपग्रह आधारित टोल प्रणाली भी लाने की योजना बना रही है। उस प्रणाली में वाहन द्वारा तय की गई वास्तविक दूरी के आधार पर शुल्क लिया जाएगा। यह और भी उन्नत तकनीक होगी। इससे न्यायसंगत शुल्क वसूली हो सकेगी।

मौजूदा फास्टैग सिस्टम की सफलता

फास्टैग प्रणालीने टोल संग्रह में क्रांति ला दी है। इसके बाद टोल प्लाजा पर लंबी कतारें कम हुई हैं। राजस्व संग्रह में काफी वृद्धि हुई है। नकदी लेनदेन में होने वाली चोरी पर अंकुश लगा है। यह प्रणाली देशभर में सफलतापूर्वक काम कर रही है।

नई एआई प्रणाली फास्टैग तकनीक का ही उन्नत संस्करण होगी। इससे मौजूदा सुविधाओं में और सुधार होगा। यात्रियों को और अधिक सुविधा मिलेगी। यातायात की गति बनी रहेगी और दुर्घटनाओं का खतरा कम होगा।

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