Lucknow News: एक शिक्षक द्वारा सार्वजनिक रूप से डांटे जाने के बाद नौवीं कक्षा की एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। यह घटना सोमवार को गोल चौराहे के पास रेलवे ट्रैक पर घटी। पीड़िता संस्कृति आनंद केसरवपुरम निवासी थी और जवाहर नगर स्थित ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन में पढ़ती थी। परिवार ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
परिजनों के अनुसार, सोमवार को संस्कृति स्कूल बैग में फूल और चॉकलेट ले गई थी। शिक्षक ने इस बात पर उसे कक्षा में ही सबके सामने कड़ी डांट लगाई। इस घटना के बाद स्कूल ने उसकी मां साधना को बुलाया था। इसके बाद से ही छात्रा गहरे अवसाद में चली गई थी।
मां साधना ने बताया कि घटना वाले दिन वह बेटी के साथ गोल चौराहे तक गई थीं। संस्कृति ने उन्हें घर वापस भेज दिया और कहा कि वह कुछ देर बाद आ जाएगी। इसके बाद उसने ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। परिवार को इस बात की आशंका भी नहीं थी।
मंगलवार सुबह संस्कृति का पोस्टमॉर्टम किया गया। चिकित्सकों ने अधिक रक्तस्राव को मौत का कारण बताया। दोपहर में परिजन शव को लेकर अपने घर के लिए रवाना हुए। इस दौरान परिवार के सदस्यों का गम देखते नहीं बन रहा था।
छात्रा के पिता मुकुल आनंद फूट-फूट कर रोए। उन्होंने कहा कि उनकी चिरैया उड़ गई है और अब वे कैसे जिएंगे। उन्होंने कहा कि स्कूल वालों ने उनकी बच्ची के साथ धोखा किया है। उन्होंने इंसाफ की मांग करते हुए कहा कि वे दोषियों को बिल्कुल नहीं छोड़ेंगे।
परिवार के अन्य सदस्यों ने भी स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए। बाबा राजेश ने कहा कि वह जिलाधिकारी से एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि शिक्षक की कार्रवाई के कारण ही बच्ची ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।
वहीं, स्कूल प्रबंधन की तरफ से सभी आरोपों को निराधार और बेबुनियाद बताया गया है। स्कूल प्रशासन ने कहा कि वह इस मामले की पूरी जांच करवाएगा। हालांकि, उन्होंने घटना पर विस्तार से बात करने से इनकार कर दिया।
पुलिस ने मामले की प्रारंभिक जानकारी दर्ज की है। काकादेव थाने में परिवार की तरफ से तहरीर दी गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वह सभी पक्षों के बयान ले रहे हैं। आगे की कार्रवाई जांच के निष्कर्षों के आधार पर की जाएगी।
इस घटना ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी है। लोगों ने परिवार के सदस्यों से संवेदना व्यक्त की है। स्थानीय निवासी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त कर रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।
मामला गंभीर होने के कारण प्रशासन ने भी संज्ञान लिया है। अधिकारी इस पूरे प्रकरण की जांच कर रहे हैं। शिक्षा विभाग ने भी स्कूल से एक रिपोर्ट मांगी है ताकि घटना के सही कारणों का पता लगाया जा सके।
यह घटना एक बार फिर छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और शिक्षकों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि शैक्षिक वातावरण में संवेदनशीलता की बहुत आवश्यकता है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
