Kangra News: दौलतपुर को जलाड़ी से जोडऩे वाला कांगड़ा में पुल ध्वस्त होने के मामले को रफा-दफा करने की कोशिश हो रही है। सरकार इस मसले पर कोई एक्शन न ले पाई है। लिहाजा ग्रामीणों का गुस्सा भडक़ रहा है। इस मसले पर करीब आधा दर्जन पंचायत प्रतिनिधि सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलेंगे व कार्रवाई की मांग करेंगे। साथ ही पुल को शीघ्र दुरुस्त करने की पैरवी की जाएगी। नंदरुल की पंचायत प्रधान राजकुमारी अंगारिया, हारजलाड़ी के पंचायत प्रधान राजकुमार, राजल के पंचायत प्रधान नसीब कुमार, उपप्रधान बोधराज सहित करीब एक दर्जन पंचायत प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से वार्ता करनी है।
इस मसले पर विभाग के उच्च अधिकारियों ने पड़ताल के बाद नौ अधिकारियों व ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराया है। राजधानी शिमला के लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने सरकार से इन नौ अधिकारियों व ठेकेदार पर कार्रवाई की सिफारिश की थी, लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार कोई कार्रवाई न कर पाई है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार इन अधिकारियों के नाम उजागर करें और इन पर कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को सबक मिल सके। दौलतपुर को जलाड़ी से जोडऩे वाला निर्माणाधीन पुल सिस्टम की नालायकी की वजह से दस अप्रैल 2023 को ध्वस्त हो गया था। उसके
बाद जांच भी हो गई और क्वालिटी कंट्रोल ने रिपोर्ट भी उच्च अधिकारियों को सौंप दी । लेकिन कार्रवाई कोई नहीं हुई । उल्लेखनीय है कि इस पुल के न होने की वजह से करीब एक दर्जन पंचायतों के लोगों को 5 किलोमीटर का सफर 20 किलोमीटर में तय करना पड़ता है।
दोषियों पर हो कार्रवाई
हारजलाड़ी के प्रधान राजकुमार का कहना है कि धीमी गति से दौलतपुर-खरठ सडक़ निर्माण व पुल गिरने से जनता की उम्मीदों को झटका लगा है। चंगर क्षेत्र की जनता 20 वर्षों से सडक़ निर्माण की आस लगाए बैठी है। सरकार से मांग है कि पुल गिरने के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो, पुल का कार्य जल्दी शुरू करवाया जाए।
साल में हो पुल का काम
ग्राम पंचायत जनयानकड़ प्रधान चंदू लाल ने बताया कि चंगर की पंचायतों ने 15-20 साल इस सडक़ का इंतजार किया है। सभी स्थानीय पंचायत प्रधानों ने पहले भी सरकार से मांग की है कि पुल के ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया