शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

निमिषा प्रिया: तलाल के परिवार ने ठुकराया ब्लड मनी का प्रस्ताव, कहा, हम सजा-ए-मौत चाहते हैं

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Sana’a News: यमन में सजा-ए-मौत का सामना कर रही केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी को 16 जुलाई 2025 को टाल दिया गया। भारत सरकार और केरल के ग्रैंड मुफ्ती अबू बकर मुसलियार के हस्तक्षेप से यह राहत मिली। हालांकि, पीड़ित तलाल आबदो मेहदी के परिवार ने ब्लड मनी स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया। यह मामला निमिषा और उनके परिवार के लिए गहरी चिंता का विषय बना हुआ है।

तलाल के परिवार का सख्त रुख

तलाल के भाई अब्देलफतेह मेहदी ने कहा कि वे किसी भी समझौते या ब्लड मनी को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने बीबीसी अरबी को बताया, “हम क़िसास के तहत सजा-ए-मौत चाहते हैं।” अब्देलफतेह ने फेसबुक पर लिखा कि हत्या और शव को क्षत-विक्षत करना अक्षम्य है। परिवार का यह रुख निमिषा के लिए ब्लड मनी के जरिए सजा से बचने की उम्मीद को कमजोर कर रहा है।

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ब्लड मनी की कोशिशें नाकाम

यमन के शरिया कानून में ब्लड मनी (दिया) के जरिए पीड़ित परिवार माफी दे सकता है। निमिषा के परिवार और ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ ने 8.5 करोड़ रुपये की पेशकश की, लेकिन तलाल का परिवार अड़ा हुआ है। अब्देलफतेह ने कहा, “खून का कोई सौदा नहीं होता।” भारतीय अधिकारियों और धार्मिक नेताओं ने यमनी शेखों के साथ बातचीत की, लेकिन परिवार ने सभी प्रस्ताव ठुकरा दिए।

निमिषा का मामला और भारत का प्रयास

निमिषा प्रिया को 2017 में तलाल की हत्या के लिए 2020 में सजा सुनाई गई थी। निमिषा का दावा है कि तलाल ने उनका पासपोर्ट रख लिया और उत्पीड़न किया। पासपोर्ट हासिल करने के लिए उन्होंने तलाल को बेहोशी की दवा दी, जिससे उसकी मौत हो गई। भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ब्लड मनी ही आखिरी रास्ता है। सना में हूती नियंत्रण और राजनयिक सीमाओं के बावजूद, भारत ने यमनी अधिकारियों से बातचीत जारी रखी है।

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Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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